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खिलाड़ी ने मांगी मदद तो उठे सवाल, पहलवान दिव्या काकरान के बीच ट्विटर वार

Admin4
10 Aug 2022 2:13 PM GMT
खिलाड़ी ने मांगी मदद तो उठे सवाल, पहलवान दिव्या काकरान के बीच ट्विटर वार
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नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम-2022 (Commonwealth Games Birmingham-2022) का समापन हो चुका है. लेकिन भारत में एक खिलाड़ी ने मदद मांगी तो विवाद खड़ा हो गया. जी हां कॉमनवेल्थ गेम्स में रेसलिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली रेसलर दिव्या काकरान (Wrestler Divya kakran) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) से ट्वीट कर मदद की गुहार क्या लगाई, इस पर विवाद खड़ा हो गया. विवाद इस बात पर है कि 'दिव्या काकरान दिल्ली की बेटी हैं या फिर यूपी की बेटी हैं'.

दरअसल यह मुद्दा तब गरमाया जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने दिव्या काकरान (Wrestler Divya kakran) को कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर ट्वीट कर बधाई दी. जवाब में दिव्या काकरान ने लिखा कि "मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री जी को तहे दिल से धन्यवाद. मेरा आपसे एक निवेदन है की मैं पिछले 20 साल से दिल्ली में रह रही हूं और यहीं अपने खेल कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं. परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई इनाम राशि नहीं दी गई न कोई मदद दी गई. मैं आपसे इतना निवेदन करती हूं कि जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं, जो दिल्ली के होकर किसी ओर स्टेट से भी खेलते हैं उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाये."

इसके जवाब में आप विधायक सौरभ भारद्वाज (AAP MLA Saurabh Bhardwaj) ने दिव्या के ट्वीट को रीट्वीट कर लिखा कि "हो सकता है कि मैं गलत हूं बहन, मगर मैंने ढूंढा तो पाया कि आप दिल्ली राज्य की तरफ़ से नहीं, हमेशा उत्तर प्रदेश की तरफ़ से खेलती रही हैं. आज पूरे देश को आप पर नाज़ है. ईश्वर से प्रार्थना है कि आप और आगे बढ़ें." वहीं दूसरा ट्वीट कर लिखा कि बहिन पूरे देश को आपपर गर्व है. लेकिन मुझे याद नहीं आता कि आप दिल्ली की तरफ से खेलती हैं. आप हमेशा उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलती आईं है. लेकिन खिलाड़ी देश को होता है. योगी आदित्यनाथ जी से आप को सम्मान की उम्मीद नहीं है. मुझे लगता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री आपकी बात जरूर सुनेंगे."

जिसके बाद मंगलवार को दिव्या काकरान ने ट्वीट कर दावा किया कि साल 2011 से 2017 तक दिल्ली की तरफ से खेलती थीं. साथ ही उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ की ओर से जारी किया गया सर्टिफिकेट भी शेयर किया, जिसमें लिखा हुआ था कि अक्टूबर 2016 में यूपी के गोंडा में हुई तीन दिवसीय महिला सीनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया था. दिव्या ने अपनी सफाई में कहा कि उसके बाद भी किसी को इस पर यकीन नहीं है कि उन्होंने दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते हुए 17 गोल्ड मेडल जीते हैं तो उनके साथ सर्टिफिकेट को भी सोशल मीडिया पर शेयर कर सकती हैं.

दिव्या के इस ट्वीट के बाद दिल्ली सरकार की ओर से भी बताया गया कि 2013-14 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए सरकार ने उन्हें एक लाख रुपये नकद इंसेंटिव दिया था. 2016-17 में भी जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें 42 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया था. दिल्ली सरकार की ओर से भी ट्वीट के द्वारा जानकारी दी गई कि मई 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिव्या काकरान से मिलकर उन्हें उपबल्धि हासिल करने पर बधाई दी, लेकिन उसके बाद साल 2018 से 2021 के बीच उन्होंने नेशनल लेवल पर तीन बड़ी प्रतियोगिताओं में यूपी का प्रतिनिधित्व किया था.

वहीं इस विवाद में हरियाणा के दिग्गज कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा (Haryana Congress leader Deepender Hooda) ने दिल्ली सरकार के खिलाफ और दिव्या काकरान के समर्थन में ट्वीट करते हुए लिखा कि "दिल्ली में 20 साल रहने के बाद, दिल्ली के लिए 8 भारत केसरी, 17 गोल्ड जीतने के बाद भी रेसलर दिव्या को दिल्ली सरकार दिल्लीवासी नहीं मान रही ! हरियाणा में हुड्डा सरकार ने सहवाग, साइना, सुशील कुमार, गगन नारंग को केवल हरियाणा से किसी भी लिंक होने मात्र से ही ईनाम राशि आदि दी थी… दिल्ली सरकार व मुख्यमंत्री जी को जिद छोड़, दिव्या को भी उनकी उपलब्धियों के हिसाब से मान सम्मान व इनाम देना चाहिए. खिलाड़ी राष्ट्रीय धरोहर हैं, जिस भी राज्य से खेलें, उनको पूरी सुविधाएं और अवसर दे हमें उनका हौसला बढ़ाना चाहिए."

वहीं इस बारे में दिव्या के पिता सूरज पहलवान से बात की गई तो उनका कहना है कि दिव्या 2017 तक दिल्ली का प्रतिनिधित्व करती रही. एशियन गेम्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल आने के बाद उन्हें दिल्ली सरकार की ओर से कोई प्रोत्साहन नहीं मिला, तो वह यूपी के गोंडा से खेलने लगी. पिता का दावा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री या क्षेत्रीय विधायक उनका प्रोत्साहन करने के लिए उनके घर नहीं आये जबकि सांसद मनोज तिवारी ने उनसे मुलाकात की ओर प्रोत्साहन राशि के तौर पर दो लाख रुपये का चैक भी दिया. बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में दिव्या ने ब्रॉन्ज मेडल जीता, जिसपर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी तो दिव्या का दर्द भी छलका और उन्होंने भी मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई.

इस मामले पर दिव्या के कोच विक्रम कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार एक खिलाड़ी एक ही स्टेट से इनाम पाने का हकदार होता है. वहीं जब कोई भी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करता है, तो सरकार को भी अपना दिल बड़ा रखना चाहिए.





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