दिल्ली-एनसीआर

चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस में HC के जज क्या कहा ?

Jyoti Nirmalkar
21 July 2024 8:02 AM GMT
चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस में HC के जज क्या कहा ?
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कर्नाटक हाईकोर्ट Karnataka High Court ने अपने हाल के एक आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें कहा गया था कि केवल Child pornography चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना आईटी अधिनियम के तहत अपराध नहीं है। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की खंडपीठ ने यह कहते हुए आदेश वापस ले लिया कि पीठ ने गुरुवार को आदेश पारित करते समय धारा 67बी (बी) को गलत तरीके से पढ़ा था। पीठ ने कहा, "हम भी इंसान हैं और हमसे भी गलतियां होती हैं। सुधार के लिए हमेशा अवसर होता है। इस संबंध में जांच की जाएगी और नया आदेश दिया जाएगा। यह आदेश रद्द किया जाता है।"
पीठ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में दायर याचिका के बाद आईटी अधिनियम की धारा 67बी (ए) के तहत आदेश पारित किया गया था। आईटी अधिनियम की धारा 67बी (बी) में कहा गया है कि टेक्स्ट या DIGITAL डिजिटल चित्र बनाना, संग्रह करना, सर्च करना, ब्राउज़ करना, डाउनलोड करना, विज्ञापन बनाना, प्रसारित करना, आदान-प्रदान करना या बच्चों को अश्लील, अभद्र तरीके से चित्रित करना इस धारा के तहत जांच के लिए आते हैं।
हाईकोर्ट
ने पहले कहा था कि केवल चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी देखना आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराध नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले से 50 मिनट तक चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी वाली वेबसाइट देखने के आरोपी व्यक्ति को राहत मिल गई थी।
याचिकाकर्ता के खिलाफ आईटी अधिनियम की धारा 67बी (बच्चों से संबंधित सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत मार्च 2022 में शिकायत दर्ज की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि ऐसे मामले में धारा 67बी लागू नहीं की जा सकती क्योंकि उनके client मुवक्किल ने केवल वेबसाइट देखी थी और कुछ भी प्रसारित नहीं किया था।
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