दिल्ली-एनसीआर

ऑफर खत्म होने पर क्या बोले दिल्ली वाले

Admin4
1 Sep 2022 4:22 PM GMT
ऑफर खत्म होने पर क्या बोले दिल्ली वाले
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शराब के शौकीन एक बार फिर सरकारी दुकान से शराब खरीदकर जाम छलकाने लगे। दिल्ली में सभी प्राइवेट ठेके को बंद कर इसकी जगह चार निगमों द्वारा संचालित शराब की दुकान खुलने लगी हैं। पहले दिन कई इलाके की दुकानों को फूल-माला से सजाया गया था। दरअसल विधिवत पूजा करके बिक्रेताओं ने दुकानें खोलीं। हालांकि मनपसंद ब्रांड और शराब की दुकान ढ़ूंढ़ने में लोगों को बेहद परेशान होना पड़ा। कई शराब के शौकीन इस बात को लेकर भी परेशान थे कि उन्हें मिलने वाली छूट से वंचित होना पड़ा।

भ्रष्टाचार के आरोप में घिरी विवादास्पद आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया गया है। नई आबकारी नीति पर बवाल के बाद पुरानी आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानें बृहस्पतिवार से खुलनी शुरू हो गईं। इस सप्ताह 400-500 शराब की दुकानें खुल जाएंगी। पहले दिन भी दिल्ली में 300 से अधिक दुकानें खुलीं और शराब की बिक्री की गई। सरकार की तैयारी इस साल के अंत तक दिल्ली में 700 से अधिक दुकानें खोलने की है।

आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ये दुकानें नॉन कन्फर्मिंग एरिया को छोड़कर पूरे शहर में खुलेंगी। शॉपिंग मॉल्स में भी दुकानों को लाइसेंस जारी किया गया है। आबकारी विभाग जल्द ही एक एप लॉन्च करेगा ताकि लोगों को आसपास ठेकों की जगह और उनके खुलने एवं बंद होने के समय का पता चल सके।

ब्रांड की रही किल्लत

पुरानी आबकारी नीति तो बहाल कर दी गई है लेकिन पहले दिन मनपसंद के ब्रांड के लिए लोगों को भटकना पड़ा। आबकारी विभाग ने करीब 360 अल्कोहल के ब्रांड को ब्रिकी के लिए रखा है। इनमें से 230 के करीब विदेशी ब्रांड शामिल हैं। अधिकांश दुकानों में 300 वर्ग फुट जगह में बिक्री करने को अनिवार्य बनाया गया है।

अब एक बोतल पर एक मुफ्त बीते दिनों की बात

दिल्ली पुरानी आबकारी नीति पर लौटी गई है। लिहाजा अब शराब पर निजी विक्रेताओं द्वारा मिलने वाली छूट भी खत्म हो गई है। एक बोतल पर एक मुफ्त, एक पर दो मुफ्त समेत अन्य छूट योजना का लाभ लोगों को नहीं मिला। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि शुरुआती दिनों में ग्राहकों को थोड़ी परेशनी हो सकती है। लेकिन शराब की आपूर्ति और ब्रांड की उपलब्धता आने वाले दिनों में सुधरेगी। 40 लाख से अधिक शराब की बोतलों के स्टॉक की व्यवस्था है।

क्या कहते हैं इस व्यवस्था पर लोग

शराब की नई व्यवस्था पर आम लोगों की प्रतिक्रिया अलग-अलग है। मुखर्जी नगर के निवासी सत्येंद्र चतुर्वेदी ने पसंदीदा ब्रांड नहीं मिलने पर अफसोस जताया। कहा कि जब निजी दुकानें खुली थीं तो वहां सुविधा अधिक थी। ब्रांड भी कई तरह के थे। वहीं दूसरी ओर अक्षय कुमार ने कहा कि सरकारी दुकान पर भरोसा ज्यादा है। आमतौर पर जहरीली शराब से मौत की खबर आती है। कम से कम विश्वास तो बना रहेगा। शराब महंगी ही सही। इतना जरूर है कि छोटी सी दुकान में प्रवेश करना और खरीदने में जद्दोजहद करनी पड़ेगी। एक अन्य ने कहा कि बीयर पीने के लिए अब खर्च ज्यादा करना पड़ेगा। प्राइवेट दुकानों में छूट की वजह से केन बीयर भी सस्ती थी।

दिल्ली टूरिज्म विभाग के पूर्व वाइन शॉप जोनल ऑफिसर वीके जाटव ने कहा कि पहले दिन थोड़ी अव्यवस्था हुई। लेकिन निगम के सभी कर्मचारी स्किल्ड हैं, जल्द ही समस्याएं दूर होंगी। दुकानों के संचालन में सभी पारंगत हैं। दुकानें खुली भी और अच्छी बिक्री भी हुई। लोगों का विश्वास सरकारी दुकानों पर बढ़ा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

पुरानी आबकारी नीति पर अधिकारियों का कहना है कि ब्रांड पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है। जल्द ही सभी ब्रांड उपलब्ध करा दिया जाएगा। करीब 350 सरकारी दुकानें खुल गई हैं। पिछले 15 दिनों में 400 ब्रांड पंजीकृत किया गया है। डीटीटीडीसी, डीएसआईआईडीसी, डीएससीएससी और डीसीसीडब्ल्यूएस को 422 खुदरा लाइसेंस जारी किया गया है। इस महीने दिल्ली में 500 दुकानें खोलने का निर्देश दिया गया है। कुल 700 शराब ठेकों को संचालित करने की योजना है।

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