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पंजाब में चुनाव लड़ने वाले किसान संगठनों से हमारा कोई संबंध नहीं: संयुक्त किसान मोर्चा

Renuka Sahu
17 March 2022 1:55 AM GMT
पंजाब में चुनाव लड़ने वाले किसान संगठनों से हमारा कोई संबंध नहीं: संयुक्त किसान मोर्चा
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फाइल फोटो 

संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को कहा कि उसका उन दो किसान संगठनों से कोई संबंध नहीं है जिन्होंने पंजाब में विधानसभाचुनाव लड़ा था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने बुधवार को कहा कि उसका उन दो किसान संगठनों से कोई संबंध नहीं है जिन्होंने पंजाब में विधानसभा (Punjab Assembly Election) चुनाव लड़ा था. एसकेएम ने उन दोनों ही संगठनों पर उसके नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उसने उन लोगों के विरुद्ध अनुशानात्मक कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी जो इन दोनों संगठनों के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं. एसकेएम के बयान के अनुसार जनवरी में अपनी बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) ने तय किया था कि उससे जुड़ा कोई भी संगठन यदि विधानसभा चुनाव में पार्टी बनाता है तो वह मोर्चा का हिस्सा नहीं होगा.

उसने कहा कि मोर्चा ने यह भी तय किया था कि यदि जरूरत हुई तो विधानसभा चुनाव के बाद अप्रैल में इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा. उसने कहा कि इस फैसले के बाद जिन किसान यूनियनों एवं नेताओं ने दल बनाये एवं संयुक्त समाज मोर्चा एवं संयुक्त संघर्ष पार्टी के नाम पर पंजाब में चुनाव लड़ा, वे कम से कम अप्रैल तक एसकेएम से बाहर हैं.
एसकेएम 21 मार्च को करेगा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन
एसकेएम की सात सदस्यीय समन्वय समिति ने 14 मार्च को यहां गांधी पीस फाउंडेशन में सभी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलायी थी. बयान में कहा गया है, ''लेकिन मोर्चा के फैसले का इंतजार किये बगैर ही बलबीर सिंह राजेवाल के संयुक्त समाज मोर्चा एवं गुरनाम सिंह चढूनी की संयुक्त संघर्ष पार्टी जबरन सभास्थल पर पहुंच गयी और सभागार पर काबिज होकर समानांतर बैठक करने लगे.'' बयान के अनुसार किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए समन्वय समिति ने फैसला किया कि देशभर से आए प्रतिनिधि बाहर लॉन में बैठक करेंगे.
अभी हाल ही में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं होने को लेकर केंद्र के खिलाफ 21 मार्च को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा. दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में दिन भर बंद कमरे में चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया था. एसकेएम नेताओं और सदस्यों ने किसानों से किए गए वादों पर केंद्र द्वारा अब तक की गई प्रगति की समीक्षा की थी, जिसमें एमएसपी पर एक समिति गठित करने का वादा भी शामिल है.
एसकेएम 40 किसान यूनियनों का एक संगठन
एसकेएम के वरिष्ठ सदस्य अभिमन्यु कुहाड़ ने कहा था, "केंद्र ने किसानों से एमएसपी पर कानून बनाने, किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से निकालने के मुद्दे पर किए गए वादों को पूरा करने में कोई प्रगति नहीं की है इसलिए एसकेएम ने वादों को पूरा नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 21 मार्च को जिला और ब्लॉक स्तर पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है." एसकेएम 40 किसान यूनियनों का एक संगठन है, जिसने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले आंदोलन का नेतृत्व किया था.
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