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दिल्ली हाई कोर्ट में वक्फ बोर्ड ने की निजामुद्दीन मरकज को फिर से खोलने की अपील, केंद्र ने किया विरोध

Renuka Sahu
5 March 2022 3:38 AM GMT
दिल्ली हाई कोर्ट में वक्फ बोर्ड ने की निजामुद्दीन मरकज को फिर से खोलने की अपील, केंद्र ने किया विरोध
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फाइल फोटो 

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने निजामुद्दीन मरकजको पूरी तरह से फिर से खोलने की याचिका का विरोध किया.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र सरकार (Central Government) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के सामने निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) को पूरी तरह से फिर से खोलने की याचिका का विरोध किया. मार्च 2020 में यहां कोरोना के दौरान तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) का आयोजन किया गया था. यहां बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित पाए गए थे. तब से ये बंद पड़ा है. न्यायमूर्ति मनोज के ओहरी के सामने कहा कि पिछले साल की तरह कुछ लोगों को आगमी धार्मिक अवसरों पर प्रार्थना करने की अनुमति दी जा सकती है. कोर्ट दिल्ली वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) और रमजान (Ramadan) के मद्देनजर मस्जिद को मार्च-अप्रैल में खोलने की मांग की गई थी.

केंद्र ने कहा कि मस्जिद परिसर एक निजी संपत्ति है और बोर्ज के पास इसे फिर से खोलने का कोई अधिकार नहीं है, पहल के मौकों पर कुछ लोगों को शर्तों के साथ नमाज अदा करने की छूट दी गई थी और इस बार भी इस तरह की व्यवस्था के संबंध में कोई आपत्ति नहीं है.
वक्फ बोर्ड ने दिया ये तर्क
वहीं वक्फ बोर्ड ने तर्क दिया है कि मस्जिद, जो दिल्ली पुलिस द्वारा बंद की गई है, उसे खोल देना चाहिए. क्योंकि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अब उन सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है, जो महामारी के कारण लगाए गए थे. हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई अगले हफ्ते सूचीबद्ध की है और याचिकाकर्ता से डीडीएमए के आदेश को रिकॉर्ड में लाने को कहा है.
दर्ज की गई थी कई FIR
महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम, विदेशी अधिनियम और दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत निजामुद्दीन मरकज में आयोजित एक तब्लीगी जमात कार्यक्रम में लॉकडाउन के दौरान विदेशियों के ठहरने के संबंध में कई प्राथमिकी दर्ज की गई थीं.
वक्फ बोर्ड ने अपने आवेदन में तर्क दिया है कि पिछले साल इन दो मौकों- शब-ए-बारात और रमजान के दौरान हाई कोर्ट ने मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति दी थी. कोविड -19 का वर्तमान वैरिएंट ओमिक्रान, डेल्टा वैरिएंट जितना गंभीर और घातक नहीं है और जैसे-जैसे स्थितियों में सुधार हुआ है, सभी अदालतों की फिजिकल सुनवाई फिर से शुरू हो गई है, स्कूल, क्लब, बार और बाजार भी फिर से खुल गए हैं. इसलिए इस वक्फ संपत्ति को फिर से खोलने में कोई बाधा नहीं है.
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