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रोजाना भोजन के बाद उल्टी करने वाला बच्चा ठीक हुआ, अलीगढ़ में स्थानीय डॉक्टर एक साल कर रहे इलाज
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: खाने के बाद प्रत्येक दिन उल्टी करने वाले आठ वर्षीय बच्चे का इलाज बाल चिकित्सालय में किया गया. बच्चे के खाने की नली में रुकावट थी, जिससे खाने में दिक्कत होने के साथ ही उल्टी भी होती थी. नली में कई जगहों पर भोजन भी अटका हुआ था.
अलीगढ़ के इस बच्चे का इलाज स्थानीय डॉक्टर एक साल कर रहे थे, लेकिन सफलता नहीं मिली. ऐसे में उसे पिछले साल नवंबर में बाल चिकित्सालय में लाया गया. जांच करने के बाद पता चला कि बच्चे की नली में रुकावट है. अस्पताल के डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी से पहले नली की रुकावट को खत्म की. इसके बाद नली के रास्ते को भोजन जाने के लायक बनाया. दूसरे चरण के इलाज में खाने की नली को और भी बड़ा किया जाएगा. इससे बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ होगा.
बाल चिकित्सालय के पिडियाट्रिक गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट डॉ. विकास ने बताया कि बच्चे के खाने की नली में रुकावट थी. साथ ही पेट में काफी एसिड बनने से वह ऊपर आती थी. जिससे यह नली बंद होने जैसी स्थिति में थी.
इस बीमारी के कारण बच्चे का वजन काफी कम था. साथ ही खाना खाने के बाद उल्टी होती थी. इससे वह हमेशा बीमार रहता था. पहले चरण में नली को ठीक किया गया है. इसे पूरी तरह से ठीक करने के लिए दोबारा इलाज की प्रक्रिया होगी. साथ ही बच्चे के पेट में एसिड न बने इसके लिए बाद में इलाज किया जाएगा. ताकि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो सकेगा.
इलाज के बाद तीन किलो वजन बढ़ा खाने की नली को ठीक करने के बाद बच्चे का तीन किलो वजन बढ़ा. साथ ही अब उसे उल्टी नहीं हो रही है. जिससे वह पहले के मुकाबले अब ज्यादा भोजन का सेवन कर रहा है और बेहतर महसूस कर रहा है. छह महीने के अंदर बच्चे के पूरी तरह से स्वस्थ होने की उम्मीद है.
15 साल से कम के बच्चों में कान का संक्रमण: राष्ट्रीय बधिरता कार्यक्रम के तहत जांच में 6 से 15 साल के बच्चे के कान में ज्यादा संक्रमण मिला है. इस आयुवर्ग के 60 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों के कान बहने की शिकायत मिली है. जांच के बाद 72 बच्चों में कान में संक्रमण की परेशानी मिली. जिसमें 6-15 आयुवर्ग के 46 बच्चों को यह परेशानी थी. पांच साल से कम उम्र के 21 बच्चे इस बीमारी से पीड़ित मिले. 16-50 आयुवर्ग में आए पांच लोगों को इस तरह की दिक्कत थी. लंबे समय से कान में दर्द के मरीजों की उम्र भी 15 साल से कम उम्र के बच्चे थे. 14 बच्चे थे, जिन्हें एक साल से ज्यादा समय से कान में दर्द की शिकायत थी. इन मरीजों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है. स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि किसी को भी गंभीर बीमारी नहीं थी. कुछ दिनों के इलाज के बाद ये स्वस्थ हो जाएंगे.
दावा 50 चालकों को दृष्टि दोष: सेक्टर-26 स्थित आई केयर अस्पताल ने दावा किया है कि ट्रक चलाने वाले 50 को दृष्टि दोष है. अस्पताल ने साइटसेवर्स इंडिया के साथ मिलकर 34 हजार ट्रक ड्राइवरों की आंखों की जांच की बात कही. डॉक्टरों के अनुसार 38 ट्रक चालकों में निकट दृष्टिदोष और आठ प्रतिशत को दूर दृष्टी दोष मिला. चार प्रतिशत ऐसे थे, जिनमें दोनों दिक्कत थी. सर्वे में यह भी कहा गया है कि इनमें से कोई भी ट्रक ड्राइवर चश्मे का इस्तेमाल करता हुआ नहीं पाया गया. नजदीक की वस्तुओं को ठीक से नहीं देख पाने की समस्या से ग्रस्त ज्यादातर लोगों की उम्र 36 से 50 के बीच बताई गई है.