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विवो मनी लांड्रिंग मामला: जानिए किस तरह से चीनी मोबाइल कंपनी विवो ने 47 हजार करोड़ रुपए बाहर भेजे

Admin Delhi 1
6 July 2022 9:20 AM GMT
विवो मनी लांड्रिंग मामला: जानिए किस तरह से चीनी मोबाइल कंपनी विवो ने 47 हजार करोड़ रुपए बाहर भेजे
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सुपर क्राइम न्यूज़: चीनी मोबाइल कंपनी विवो पर मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत कल (मंगलवार) को बड़ी कार्रवाई हुई थी। परिवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी मोबाइल कंपनी विवो और उसकी सभी सहयोगी कंपनियों के 44 ठिकानों पर छापा मारा था। अभी तक की जांच में पता चला है कि पिछले 4-5 सालों के दौरान विवो कंपनी द्वारा चीन में अवैध तरीके से 47 हजार करोड़ रुपए भेजे गए हैं। हालांकि, इस मामले में पूरी रिपोर्ट पेश होने के बाद ही पूरे मामले का सही तरीके से खुलासा होगा।

भारत की अर्थव्यवस्था बड़ा नुकसान: बड़ी बात यह है कि इनमें से बड़ा हिस्सा फर्जी कंपनियों का है। इससे साफ पता चलता है कि चीनी मोबाइल कंपनी वीवो ने भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इस मामले में अभी जांच की जा रही है। परिवर्तन निदेशालय का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद आगे की रिपोर्ट तथ्यों के आधार पर पेश की जाएगी।

44 ठिकानों पर परिवर्तन निदेशालय का छापा: दरअसल, मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत विवो कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद मंगलवार को चाइनीज मोबाइल कंपनी विवो और उसकी सहयोगी कंपनियों के 44 ठिकानों पर परिवर्तन निदेशालय ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम के साथ मिलकर छापा मारा है। ईडी ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम के साथ मिलकर मनी लांड्रिंग के मामले में जांच शुरू करने का फैसला लिया।


जम्मू-कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र तक कई फर्जी शेयर होल्डर: इस मामले में ईडी द्वारा दिल्ली में मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमे की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में विवो के डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी में काफी चीनी नागरिक शेयर होल्डर बने हुए मिले हैं। बड़ी बात यह है कि इन चीनी नागरिकों ने अपने फर्जी दस्तावेज भारत के काफी विभागों के सामने पेश की है। जिससे इस बात से आशंका जाहिर हो रही है कि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए फर्जी दस्तावेज पेश किए थे।

टैक्स चोरी और हजारों करोड रूपए चीन भेजे: अभी तक की जांच में यह भी पता चला है कि चीनी नागरिकों ने फर्जी दस्तावेज किसी एक राज्य नहीं बल्कि, देश के काफी राज्यों में पेश किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक विवो के पूर्व निदेशक ने फर्जी नामों पर शेल कंपनियां बनाई थी। दावा किया जा रहा है कि इन फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल भारत में टैक्स चोरी और हजारों करोड रूपए चीनी भेजने के लिए इस्तेमाल किया गया है।

जम्मू कश्मीर से महाराष्ट्र तक ईडी की पैनी नजर: फिलहाल ईडी पूरे मामले में जांच कर रही है। काफी महत्वपूर्ण जानकारी अभी तक हाथ लगी है, जिसके आधार पर आगे की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि मंगलवार को परिवर्तन निदेशालय और दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने विवो और उसकी सहयोगी कंपनियों के दिल्ली, जम्मू कश्मीर, मेघालय और महाराष्ट्र समेत 44 स्थानों पर छापा मारा है।

ग्रेटर नोएडा वाली विवो कंपनी भी रडार पर: आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा में भी चाइनीज मोबाइल कंपनी विवो का प्लांट है। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों के भीतर यहां पर भी परिवर्तन निदेशालय और स्पेशल पुलिस टीम का छापा लग सकता है। ग्रेटर नोएडा से काफी मात्रा में मोबाइल विदेश जाते हैं। जिसमें सबसे ज्यादा संख्या चाइनीस मोबाइल कंपनियों की है। ऐसे में ईडी की रडार पर ग्रेटर नोएडा में स्थित विवो कंपनी का प्लांट भी शामिल हो सकता है। इससे पहले भी भारतीय खुफिया एजेंसियों और पुलिस ऐसे चीनी नागरिकों की तलाश कर रही है, जिन्होंने अवैध व्यापार करके भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है।

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