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निजामुद्दीन से अजमेर शरीफ तक दरगाहों मे गूजेंगे वेद मंत्र, गंगा-जमुना तहजीब को प्रगाढ़ किया जायेगा
दिल्ली: देश की प्रमुख दरगाहों मे अब से गूजेंगे वेद मंत्र,जी हाँ दरगाहों में ना सिर्फ वेद मंत्रों को पढ़ा जायेगा बल्कि उसका सार बताते हुए गंगा-जमुना तहजीब को प्रगाढ़ किया जायेगा।फिल्मकार इकबाल दुर्रानी ने दिल्ली की निजामुद्दीन दरगाह से इसकी शुरुआत की। हमारे देश की इन हजारो साल पुरानी धरोहरो से ना केवल जीवन दर्शन मिलता है बल्कि प्रकृति,पर्यावरण,और संपूर्ण मानवता के लिये इसमे संदेश भी छुपा है ।इसकी शुरुआत एतिहासिक निजामुद्दीन दरगाह से की गई है।मशहूर फिल्म लेखक इकबाल दुर्रानी ने सामवेद का उर्दू अनुवाद किया है। इन्होनें दरगाह मे ना सिर्फ मंत्रोच्चार किया बल्कि मोहब्बत और भाईचारे का संदेश भी लोगो को विस्तार से समझाया।
दुर्रानी ने कहा की अब वो जल्द ही अजमेर शरीफ की दरगाह जायेंगे।वहा वेदो से दरगाह शरीफ का नाता जोड़ेंगे और इनकी अहमियत बतायेंगे । यह सिलसिला आगे बढ़ता रहेगा।उनका मानना है की लोगो को इन मंत्रो के बारे मे जानकारी देना जरूरी है। उनकी यह भी कोशिश है की विभिन्न धर्म के लोगो के बीच की गलतफहमियां दूर हो और सभी धर्म के लोग करीब आये। फूल और कांटे,दिल आशना है,व शिवा समेत 50 से अधिक फिल्मे देने वाले दुर्रानी द्वारा किये गये सामवेद के उर्दू अनुवाद का विमोचन हाल ही मे लाल किला प्रांगड़ मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने किया था।इस अनुवाद मे दुर्रानी को कोई छह वर्ष लगे है ।अनुवाद तकरीबन एक हजार पृष्ठ का है।अब दुर्रानी वेदों का संदेश देशवासियों को पहुंचाने निकले हैं। वह दरगाह के सज्जादानशीं सैयद हम्माद निजामी के बुलावे पर यहाँ आए थे।