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UPSC बदल सकता है एग्जाम सिस्टम, अब AI की होगी एंट्री

Jyoti Nirmalkar
25 July 2024 8:07 AM GMT
UPSC बदल सकता है एग्जाम सिस्टम, अब AI की होगी एंट्री
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नई दिल्ली NEW DELHI : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आज संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि आखिर लेटरल एंट्री से कितने लोगों को क्लास-1 अफसर बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सवाल के जवाब में कहा कि संयुक्त सचिव, डायरेक्टर और उप सचिव स्तर पर कम से कम 57 अधिकारी लेटरल एंट्री के माध्यम से सरकार में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अब तक ऐसी 63 नियुक्तियां की गई हैं, जिनमें से 35 लोग निजी क्षेत्र से हैं। संसद में लोकसभा सांसद रामप्रीत मंडल द्वारा लेटरल एंट्री से संबंधित नियुक्तियों और आरक्षण नीति पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "भारत सरकार में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के स्तर पर लेटरल एंट्री के माध्यम से 2018 से भर्ती ही की जा रही है। इसका मकसद विशिष्ट कार्य के लिए विशिष्ट व्यक्तियों की नियुक्ति करना है। उनके विशेष ज्ञान और विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए उनकी नियुक्ति की जाती है।''
उन्होंने संसद के माध्यम से देश को बताया, ''अब तक लेटरल एंट्री के माध्यम से 63 नियुक्तियां की गई हैं, जिनमें से 35 नियुक्तियां निजी क्षेत्र से हुई हैं। वर्तमान में, मंत्रालयों/विभागों में 57 अधिकारी पद पर हैं।'' आरक्षण के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी नियुक्ति के लिए आरक्षण लागू नहीं है। आपको बता दें कि लेटरल एंट्री केंद्र सरकार की योजना का हिस्सा है। अनुभवी पेशेवरों को सरकार में शामिल किया जाता है। ऐसे अधिकारी सरकार की नीति निर्माण और नीतियों के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक या उप सचिव के पद ग्रुप ए के अधिकारी होते हैं। सबसे पहले 2018 में केंद्र ने लेटरल एंट्री के माध्यम से संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के लिए 10 पद की घोषणा की थी।
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