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UP RERA की अंतरिक्ष बिल्डर पर की बड़ी कार्रवाई, जानिए पूरी खबर
ब्रेकिंग न्यूज़: उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (UP RERA) में अंतरिक्ष बिल्डर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। अंतरिक्ष बिल्डर (Antriksh Builder) के गाजियाबाद में तीन हाउसिंग प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इतना ही नहीं बिल्डर के बैंक खातों को सीज किया गया है। यूपी रेरा की वेबसाइट का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी है। बिल्डर ने पिछले 7 वर्षों के दौरान परियोजनाओं से जुड़ा आय-व्यय का ब्यौरा और बैलेंस भी पेश नहीं की हैं। फ्लैट खरीदारों की शिकायतों के जवाब प्रमोटर नहीं दे पाए हैं। अब यूपी रेरा तीनों प्रोजेक्ट का निर्माण खुद पूरा करवाएगा।
यूपी रेरा में कंपनी और सोसाइटी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की: यूपी रेरा के प्रवक्ता ने बताया कि रेरा अधिनियम की धारा-7 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए गाजियाबाद में स्थित तीन परियोजनाओं अंतरिक्ष संस्कृति फेज-2, अंतरिक्ष संस्कृति फेज-3 और रक्षा विज्ञान संस्कृति फेज-2 का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। इस कार्यवाही के तहत इनके प्रोमोटरों मेसर्स अंतरिक्ष रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड और रक्षा विज्ञान कर्मचारी सहकारी आवास समिति लिमिटेड को इन परियोजनाओं के लिए यूपी रेरा की वेबसाइट का प्रयोग करने से वंचित कर दिया गया है। प्रोमोटर को फोटो और नाम सहित डिफॉल्टर की लिस्ट में शामिल कर दिया है। इसकी सुचना अन्य राज्यों और संघीय राज्यों के रेरा कार्यालयों को प्रेषित की गई है। परियोजना से जुड़े किसी भी प्रकार के लेन-देन को रोकने के लिए प्रमोटरों के बैंक खातों को भी फ्रीज करने का निर्णय लिया गया है।
अब फ्लैट खरीदारों के लिए तीनों प्रोजेक्ट यूपी रेरा पूरा करेगा: तीनों परियोजनाओं के शेष विकास कार्यों को पूर्ण करके आवंटियों को उनकी इकाई का कब्जा रेरा देगा। रेरा अधिनियम की धारा-8 के तहत आगे की कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए प्राधिकरण की सदस्य कल्पना मिश्रा की अध्यक्षता में एक परियोजना अनुश्रवण तथा परामर्शदात्री समिति (पीएएमसी) गठित कर दी गई है। इस समिति में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, यूपी रेरा के तकनिकी सलाहकार, कन्सीलिएशन कन्सल्टेन्ट, ऑडिटर के साथ-साथ वित्तीय संस्थान और परियोजना के आवंटियों के संघ सदस्य होंगे। इस समिति को रेरा के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट डिवीजन से विशेषज्ञ सहायता प्रदान की जायेगी। जिससे परियोजना को पूर्ण करने की दिशा में कोई रुकावट ना आये।
सात साल बाद भी परियोजनाओं पर काम शुरू नहीं हुआ: मैसर्स अंतरिक्ष रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड की दो परियोजनाओं अंतरिक्ष संस्कृति फेज-2, अंतरिक्ष संस्कृति फेज-3 और रक्षा विज्ञान कर्मचारी सहकारी आवास समिति लिमिटेड की एक परियोजना रक्षा विज्ञान संस्कृति फेज-2 के आवंटियों ने प्राधिकरण में रेरा अधिनियम की धारा-31 के उल्लंघन करने के आरोप में प्रोमोटर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। प्रोमोटर ने अंतरिक्ष संस्कृति फेज-2, अंतरिक्ष संस्कृति फेज-3 और रक्षा विज्ञान संस्कृति फेज-2 परियोजनाओं की प्रारम्भ तिथि 2015 दी थी। इनके पूर्ण होने की तिथि क्रमशः जुलाई 2022, जुलाई 2022 और जून 2023 दी गयी हैं। यूपी रेरा को प्राप्त परियोजनाओं की स्थलीय सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार अंतरिक्ष संस्कृति फेज-2 और अंतरिक्ष संस्कृति फेज-3 परियोजनाओं में कुल मिलाकर 40 प्रतिशत व 30 प्रतिशत निर्माण हुआ है। रक्षा विज्ञान संस्कृति फेज-2 में अब तक निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका है। परियोजना पर निर्माण कार्य पिछले कई वर्षों से पूर्ण रूप से बंद है। इस प्रकार परियोजना के पूर्ण होने की सम्भावना क्षीण है।
प्रोजेक्ट से जुड़े आय-व्यय का ब्यौरा और बैलेंस शीट नहीं दी: यूपी रेरा की वेबसाइट पर प्रोमोटर ने परियोजना के डेवलपमेंट प्लान पर किए जाने वाले कार्यों का सूक्ष्म विवरण नहीं दिया गया है। उनकी त्रैमासिक भौतिक और वित्तीय प्रगति रिपोर्ट प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड नहीं की जा रही है। परियोजना के सैंक्शन्ड प्लान अपलोड नहीं किये गए हैं। जिन परियोजना के सैंक्शन्ड प्लान अपलोड हैं, उनकी वैधता समाप्त हो चुकी है। नवीनीकृत मानचित्र अपलोड नहीं किया गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की देनदारी बकाया है। जिसके कारण परियोजना सील कर दी गयी हैं।उन्हें दोबारा खुलवाने के लिए बिल्डर ने कोई ठोस प्रयास नहीं किया है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद 6 महीनों के अन्दर ऑडिटेड बैलेंस शीट अपलोड करना अनिवार्य है, जिसका उल्लंघन किया गया है।प्रोमोटर ने प्राधिकरण से पारित आदेशों का उल्लंघन किया है। यह सभी कृत्य रेरा अधिनियम की धारा-4 व 11 और यूपी रेरा नियमावली के नियम-3 व 14 का उल्लंघन है। प्रोमोटर की मंशा परियोजना पूर्ण करने की नहीं है। यह आवंटियों के हितों के विपरीत है।
-बिल्डर प्रोजेक्ट में देरी का कोई उचित कारण नहीं बता सका: यूपी रेरा के समक्ष प्रोमोटरों ने स्पष्टीकरण दिया। जिसमें परियोजना की इस निराशाजनक प्रगति का कोई स्वीकार किये जाने योग्य आधार नहीं दिया गया हैं। परियोजनाओं में निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ हो सकता है, इस सम्बन्ध में भी कोई आश्वासन अथवा परियोजना पूर्ण करने की कोई संतोषजनक कार्य योजना नहीं दी गई है। इससे स्पष्ट होता है कि परियोजनाओं के पूर्ण होने की सम्भावना नहीं है। क्योंकि इस दिशा में प्रोमोटर ने कोई सार्थक प्रयास नहीं किया जा रहा है, इससे परियोजना का निर्माण व विकास कार्य अधर में है। आवंटियों का निवेश संकट में है। इन तथ्यों के आधार पर प्राधिकरण ने निष्कर्ष निकाला गया कि प्रोमोटर रेरा और प्राधिकरण से पारित आदेशों का उल्लंघन कर रहा है, जो परियोजना के पूर्ण ना होने, विकास अवरुद्ध होने और आवंटियों का निवेश जोखिम में डालने का पर्याय है। ऐसे में आवंटियों व अन्य हिस्सेदारों के हितों का ध्यान रखते हुए रेरा ने तीनों परियोजनाओं का पंजीकरण निरस्त कर निर्माण पूर्ण कराने का निर्णय लिया है।