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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 21 विश्वविद्यालयों को घोषित किए फर्जी विश्वविद्यालय, दिल्ली और यूपी में सबसे ज्यादा संख्या

Admin Delhi 1
27 Aug 2022 6:12 AM GMT
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 21 विश्वविद्यालयों को घोषित किए फर्जी विश्वविद्यालय, दिल्ली और यूपी में सबसे ज्यादा संख्या
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दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 21 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया है जो डिग्री प्रदान नहीं कर सकते हैं । इसमें सबसे अधिक फर्जी' विश्वविद्यालय दिल्ली और उसके बाद उत्तर प्रदेश में हैं। यूजीसी द्वारा फर्जी विश्वविद्यालयों के बारे में जारी सार्वजनिक सूचना में कहा गया है कि छात्रों एवं जनसाधारण को सूचित किया जाता है कि देश के विभिन्न भागों में 21 स्वत: अभिकल्पित, गैर मान्यता प्राप्त संस्थान कार्यरत हैं जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियमन 1956 का उल्लंघन कर रहे हैं । इनमें सबसे अधिक दिल्ली में 8, उत्तर प्रदेश में 4, पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा में 2-2 तथा कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं । सार्वजनिक सूचना के अनुसार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के अनुच्छेद 22 (1) के अनुसार, केंद्रीय, राज्य, प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित विश्वविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 3 के तहत स्थापित मानद विश्वविद्यालय ही उपाधि प्रदान कर सकते हैं जिन्हें संसदीय अधिनियम द्वारा उपाधि प्रदान करने के लिये विशेष रूप से अधिकार दिया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 23 के अनुसार, उपरोक्त के अलावा अन्य किसी संस्थान द्वारा 'विश्वविद्यालय' शब्द का प्रयोग निषिद्ध है।

फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में दिल्ली में आल इंडिया इंस्टीट््यूट आफ पब्लिक फिजिकल हेल्थ साइंस यूनिर्विसटी, कर्मिशयल यूनिर्विसटी लिमिटेड, यूनाइटेड नेशन्स यूनिर्विसटी, वॉकेशनल यूनिर्विसटी, एडीआर सेन्ट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिर्विसटी, इंडियन इंस्टीट््यूट आफ साइंस एंड इंजीनियङ्क्षरग, विश्वकर्मा ओपन यूनिर्विसटी फार सेल्फ एम्प्लायमेंट इंडिया और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय शामिल हैं । यूपी से सूची में दर्ज फर्जी विश्वविद्यालयों में गांधी हिन्दी विद्यापीठ प्रयाग , नेशनल यूनिर्विसटी आफ इलेक्ट्रो कम्प्लेक्स होम्योपैथी कानपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिर्विसटी अलीगढ़ और भारतीय शिक्षा परिषद फैजाबाद शाामिल हैं ।

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