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ट्रस्ट एवं गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर सभी करदाताओं के लिए होगा एकसमान आईटीआर फॉर्म
दिल्ली: एब्स वित्त मंत्रालय ने सभी करदाताओं के लिए एकसमान आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म लाने का प्रस्ताव मंगलवार को रखा जिसमें डिजिटल परिसंपत्तियों से होने वाली आय को भी अलग से दर्ज किए जाने का प्रावधान होगा। वित्त मंत्रालय के तहत केंद्र प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि ट्रस्ट एवं गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर बाकी सभी करदाता इस प्रस्तावित नए आईटीआर फॉर्म के जरिए रिटर्न जमा कर सकते हैं। इस नए फॉर्म पर हितधारकों से 15 दिसम्बर तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं। वर्तमान में छोटे एवं मझोले करदाताओं के लिए आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) के जरिए आयकर रिटर्न जमा किए जाते हैं। सहज फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की सालाना वेतन आय वाला व्यक्ति कर सकता है जबकि सुगम फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों एवं फर्मों के लिए निर्धारित है।
आईटीआर-2 फॉर्म का इस्तेमाल आवासीय संपत्ति से आय अर्जित करने वाले लोग कर सकते हैं जबकि आईटीआर-3 फॉर्म कारोबार एवं पेशे से लाभ अर्जित करने वाले लोगों के लिए है। ईटीआर-5 एवं 6 फॉर्म सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) एवं कारोबारों के लिए निर्दिष्ट हैं जबकि आईटीआर-7 फॉर्म का इस्तेमाल ट्रस्ट कर सकते हैं।