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दिल्ली न्यूज: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विभिन्न राज्यों में चल रहे फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की है। यूजीसी के मुताबिक, उसने बिना मान्यता के चल रहे इन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सिफारिश भी की है। यूजीसी का कहना है कि देशभर में सबसे अधिक फर्जी विश्वविद्यालय दिल्ली में हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कुल 8 फर्जी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश में 4 और आंध्र प्रदेश व पश्चिम बंगाल में 2-2 फर्जी विश्वविद्यालय हैं। कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र व पुदुचेरी में 1-1 फर्जी विश्वविद्यालय का पता चला है।
यूजीसी ने दिल्ली के जिन विश्वविद्यालयों को फर्जी करार दिया है, उनमें ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड फिजिकल हेल्थ साइंसेस - अलीपुर, कॉमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड - दरियागंज, यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी वोकेशनल यूनिवर्सिटी एडीआर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी - राजेंद्र प्लेस, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग विश्र्वकर्मा ओपेन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ-इम्प्लॉयमेंट जीटीके डिपो व आध्यात्मिक विश्वविद्यालय, रोहिणी शामिल हैं।
यूजीसी का कहना है कि इन फर्जी विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों और शिक्षा विभाग पत्र लिखा गया है। आयोग के सचिव प्रोफेसर मनीष आर. जोशी ने भी कार्रवाई करते हुए सीधे इन विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी किया है। यूजीसी का कहना है कि तुरंत एवं सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए इन सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा गया है। गौरतलब है कि बीते वर्ष भी देशभर में कई फर्जी विश्वविद्यालय सामने आए थे, जिनकी सूची यूजीसी ने जारी की थी। अब यूजीसी ने फर्जी विश्वविद्यालयों की नई सूची जारी की है। आयोग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची प्रकाशित की है।
दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश में जिन विश्वविद्यालयों को फर्जी पाया गया है, उनमें गांधी हिंदी विद्यापीठ-प्रयागराज, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्पलेक्स होमियोपैथी - कानपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ओपेन यूनिवर्सिटी - अलीगढ़, और भारतीय शिक्षा परिषद- लखनऊ शामिल हैं।