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यूफ्लेक्स ने बिना दस्तावेज एक हजार करोड़ का लेनदेन माना

Admin Delhi 1
3 March 2023 9:14 AM GMT
यूफ्लेक्स ने बिना दस्तावेज एक हजार करोड़ का लेनदेन माना
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नोएडा न्यूज़: यूफ्लेक्स समूह ने बिना दस्तावेज एक हजार करोड़ रुपये का लेनदेन स्वीकार किया है. आयकर सूत्रों ने जांच में यह दावा किया है. जांच में दो साल में फर्जी कंपनियों से तीन हजार करोड़ रुपये के लेनदेन की जानकारी मिली है.

नोएडा आयकर विभाग की इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में अधिकारी शामिल थे. सुबह जांच पूरी हुई थी. आयकर सूत्रों के अनुसार एक वर्ष में फर्जी कंपनियों से 1500 करोड़ रुपये का लेनदेन पकड़ा गया है. ऐसे में दो साल में तीन हजार करोड़ रुपये के लेनदेन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. आयकर सूत्रों के अनुसार जांच में तीन करोड़ रुपये नकद और ज्वेलरी बरामद की गई है. यह जांच मिशन पूरी तरह से सफल रहा है. यूफ्लेक्स समूह से लेनदेन करने वाले लोगों की जांच भी होगी. इसमें वे लोग भी शामिल किए जाएंगे, जिन्हें फर्जी कंपनियों का मालिक बनाया गया था. उन लोगों की तलाश भी की जा रही है, जो कंपनी में दर्ज पते पर नहीं मिले हैं.

आयकर सूत्रों के अनुसार दो साल में करीब एक हजार करोड़ रुपये टैक्स चोरी का आकलन किया गया है. छापेमारी में जब्त दस्तावेजों और सीडी की जांच शुरू कर दी गई है. इसमें कई सबूत मिलने की संभावना है, जिससे जांच और मजबूत हो जाएगी. मौके पर नहीं मिले लोगों की जानकारी जुटाकर उनकी तलाश की जा रही है. आयकर सूत्र इनमें से अधिकतर लोगों तक जल्द पहुंचने का दावा कर रहे हैं. दूसरी तरफ, कंपनी के संस्थापक अशोक चतुर्वेदी और निदेशकों को पूछताछ के लिए सेक्टर 24 स्थित आयकर भवन बुलाया जा सकता है. आयकर सूत्रों के अनुसार पूरे मामले में 65 फर्जी कंपनियों से लेनदेन की जांच दस्तावेजों के आधार पर की गई है. उन बिल्डर की जांच भी शुरू कर दी गई है, जिनसे कंपनी ने उधार पैसे लेने की जानकारी दस्तावेजों में दर्ज की है.

देशभर में कंपनी के ठिकानों पर जांच हुई

आयकर विभाग की टीमों ने बीते हफ्ते यूफ्लेक्स समूह के 65 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. धीरे-धीरे छापेमारी के स्थान बढ़कर 80 से अधिक हो गए थे. यह जांच पूरे देश में कंपनी के ठिकानों पर की गई थी. इसमें दिल्ली स्थित समूह के संस्थापक अशोक चतुर्वेदी के आवास के अलावा नोएडा में यूफ्लेक्स के मुख्य दफ्तर समेत अन्य ठिकाने शामिल हैं. जिन प्रदेशों में छापेमारी की गई थी, उनमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश है. यह छापेमारी फर्जी बिल जारी करने के आरोप में की गई थी.

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