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मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीज गाजियाबाद में भी मिले, सैंपल को पुणे भेजा गया
दिल्ली एनसीआर न्यूज़: गाज़ियाबाद में मंकीपॉक्सी के दो संधिग्त मरीज मिले हैं। जिनमें से एक मरीज दिल्ली के एलएनजेपी में भर्ती हैं और दूसरे मरीज के सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं। फिलहाल मरीज को घर भेज दिया गया हैं ।
मंकीपॉक्स से संधिग्त दो मरीज: गाज़ियाबाद में मंकीपॉक्स से संधिग्त दो मरीज मिले हैं। एक मरीज के सैंपल को पुणे भेजा गया हैं और दूसरे मरीज को दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। मंगलवार को राजधानी दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में मंकीपॉक्स के लक्षण वाले एक मरीज को भर्ती किया गया। वह अभी अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती हैं। मरीज में बुखार और त्वचा पर दानों के लक्षण मिले हैं। जबकि अभी तक विभाग के अधिकारियों की कोई पुष्टि नहीं की हैं।
ओपीडी में इलाज कराने गए युवक में मिले मंकीपॉक्स के लक्षण: मंगलवार को गाज़ियाबाद में मंकीपॉक्स का एक मरीज मिलने पर उसके सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं। युवक की उम्र लगभग 28 वर्ष हैं जो की अर्थला का रहने वाला हैं। वह साहिबाबाद की एक निजी कंपनी में काम करता हैं। युवक एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में इलाज कराने के लिए आया था। ओपीडी में काम कर रहे डॉक्टर को युवक में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे, तभी डॉक्टर ने मामले की सूचना सीएमओ और सर्विलांस अधिकारी को दी।
लक्षण दिखने पर, जांच के लिए सैंपल भेजे गए पुणे: युवक के सैंपल को पुणे भेज दिया गया हैं। फिलहाल युवक अपने घर हैं। वहीं दूसरी ओर हिंडन में रहने वाले एक युवक में मंकीपॉक के लक्षण मिले हैं। अभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में जानकार होने से मना कर दिया हैं।
युवक के शरीर पर दाने देख डॉक्टर ने तुरंत लिखा परामर्श: जिला सर्विलांस अधिकारी आरके गुप्ता का कहना हैं कि मरीज के सैंपल को पुणे भेज दिया हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अर्थला का एक व्यक्ति इलाज कराने आया था। डॉक्टर ने युवक के शरीर पर दाने देखकर मंकीपॉक्स मानते हुए तुरंत परामर्श लिख दिया। विभाग ने सैंपल लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे जांच के लिए भेज दिया हैं।
मंकीपॉक्स के बारे में डॉ. आरपी सिंह ने दी जानकारी: एमएमजी अस्पताल के ऊपरी फिजिशियन डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि यह बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से होती हैं। मंकीपॉक्स , आर्थोपॉक्स वायरस परिवार का ही एक हिस्सा हैं। इसमें भी चेचक की तरह शरीर पर दाने हो जाते हैं। चेचक को फैलाने वाला वारियोल वायरस भी आर्थोपॉक्स परिवार का ही एक हिस्सा हैं। हालांकि मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक से ज्यादा गंभीर नहीं हैं। मंकीपॉक्स बस कुछ ही मामलो में गंभीर होता हैं और इसके लक्षण चेचक से बिल्कुल अलग होते हैं।
वायरस के लक्षण व कैसे रहे सावधान: मंकीपॉक्स वायरस होने पर व्यक्ति के शरीर पर लगभग 2 से 4 हफ्तों तक लक्षण दिखाई दे सकते हैं। मंकीपॉक्स होने पर व्यक्ति को बुखार, शरीर पर दाने, सूजन हो सकती हैं।यह वायरस उनसे फैलता है जो, पहले से ही वायरस से पीड़ित हो। पीड़ित के संपर्क में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता हैं। मंकीपॉक्स वायरस से बचने के लिए जंगली जानवरों से दूर रहें। पूरे तरीके से पके हुए मीट को ही खाए। अगर कोई पालतू जानवर संक्रमित हैं तो उससे दूर रहें।