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दो महिला सहयोगी और एक बच्ची की मां भी शामिल, मालिक समेत चार गिरफ्तार
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
गिरफ्तार डॉक्टर संजय कुमार मलिक बीएएमएस डॉक्टर है और जहांगीरपुरी सी ब्लॉक में संजय ग्लोबल अस्पताल का मालिक है।
साउथ रोहिणी थाना पुलिस ने गर्भपात करवाने वाली युवतियों के कोख खरीदकर उनका सौदा करने वाले जहांगीरपुरी स्थित संजय ग्लोबल अस्पताल के मालिक को गिरफ्तार किया है। डॉक्टर एक नर्स और एक अन्य महिला की मदद से बच्चे की चाहत रखने वाले दंपती को बच्चा बेच रहा था। पुलिस इनके चंगुल से एक बच्ची को सकुशल मुक्त कराया है। पुलिस दोनों सहयोगी महिला और बच्ची को बेचने में मदद करने वाली मां को भी गिरफ्तार किया है। शुरूआती जांच में पता चला कि डॉक्टर अवांछित बच्चों की डिलीवरी करवाने के बाद उसके फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार कर उसे बेच देता था। अभी तक पांच से छह बच्चों को बेचे जाने की बात सामने आई है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
गिरफ्तार डॉक्टर संजय कुमार मलिक बीएएमएस डॉक्टर है और जहांगीरपुरी सी ब्लॉक में संजय ग्लोबल अस्पताल का मालिक है। रोहिणी जिला पुलिस उपायुक्त प्रणव तायल ने बताया कि रोहिणी साउथ थाना पुलिस को सूचना मिली कि संजय कुमार मलिक तीन महिलाओं के साथ मिलकर बच्चे की बेचने और खरीदने का काम कर रहा है। इस सूचना पर थाना प्रभारी अर्जुन सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। पुलिस टीम ने सूचना को पुख्ता करने के बाद जांच शुरू की। पुलिस टीम ने हवलदार को नकली ग्राहक बनाया और हवलदार को नि:संतान के तौर पर पेशकर आरोपियों से संपर्क किया।
नकली ग्राहक की दो महिलाओं से मुलाकात हुई। दोनों महिलाओं ने उसे एक युवती से मिलवाया। जिसे अपनी नवजात बेटी को बेचना था। साथ ही डॉक्टर संजय कुमार मलिक भी मिला, जिसने बच्ची और उसका जन्म प्रमाण पत्र दिखाया। उसके बाद बच्ची को खरीदने के लिए नकली ग्राहक से बात हुई। सौदा 1.10 लाख रुपये में तय हुआ। नकली ग्राहक ने डॉक्टर को 10 हजार रुपये की अग्रिम राशि दे दी और बाकी रकम बच्ची मिलने के बाद देने की बात कही। उसके बाद नकली ग्राहक ने पुलिस टीम को इशारा कर दिया।
पुलिस ने डॉक्टर और तीन महिलाओं को गिरफ्तार करने के बाद बच्ची को सकुशल मुक्त करा लिया। शुरूआती पूछताछ में पता चला है कि डॉक्टर संजय मलिक, दो महिलाओं के साथ बच्चे की तस्करी का रैकेट चला रहा था। जांच में संजय के पांच छह अवांछित डिलीवरी करवाने और बच्चे को बेचने में शामिल होने के साक्ष्य मिले हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर ग्राहकों के बारे में पता लगाने के लिए आगे की जांच कर रही है।
अस्पताल और पैथलैब के जरिए गर्भ गिराने वालों से करते थे संपर्क
जांच में पता चला कि डॉक्टर संजय मलिक दो महिलाओं के साथ मिलकर बच्चों की तस्करी का गठजोड़ चला रहा था। वह दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों और पैथलैब के माध्यम से उन युवतियों की तलाश करते थे, जो अवांछित बच्चे से छुटकारा पाना चाहती हैं। आरोपी ऐसी युवतियों से उनके कोख का सौदा कर लेते थे और उन्हें बच्चा पैदा करने के लिए राजी कर लेते थे। फिर उन्हें बच्चे की चाहत रखने वाले दंपती को उच्च कीमत पर बच्चा बेचने के लिए राजी कर लेते थे। छानबीन में पता चला कि डॉक्टर के साथ शामिल एक महिला पहले होली फैमिली अस्पताल में बतौर नर्स काम कर चुकी है। वह ऐसी युवतियों की तलाश करती थी, जो अपने गर्भ में पल रहे बच्चे से छुटकारा पाना चाहती थीं। उसका विभिन्न पैथ लैब, अस्पतालों से संपर्क था। इसलिए वह इस काम में माहिर थी। वहीं दूसरी महिला उन दंपती की तलाश करती थी, जिन्हें बच्चा गोद लेना होता था। जबकि डॉ. संजय मलिक युवतियों की डिलीवरी करवाता था। साथ ही बच्चे का जन्म प्रमाण से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार करता था।
प्रेमी को छोड़कर जाने के बाद गैंग के संपर्क में आई बच्ची की मां
बच्ची की मां को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पता चला कि वह शादीशुदा नहीं है। उसका एक युवक से संबंध था। जिसकी वजह से युवती गर्भवती हो गई। करीब तीन माह पहले युवक उसे अज्ञात जगह पर छोड़कर फरार हो गया। इसलिए वह अपने पेट में पल रहे बच्चे से छुटकारा पाना चाहती थी। उसे पता चला कि जहांगीरपुरी के संजय ग्लोबल अस्पताल में उसके गर्भपात हो सकता है। वहां पहुंचने पर पता चला कि वह सात माह की गर्भवती है। संजय मलिक ने उसे बच्चे को रखने के लिए राजी किया और बताया कि वह बच्चे के डिलीवरी के बाद उसे किसी जरूरतमंद व्यक्ति को देकर कुछ पैसे भी कमा सकती है।