- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- सुपरटेक ट्विन टावरों...
सुपरटेक ट्विन टावरों के मलबे से दो ब्लैक बॉक्स हुआ बरामद, किया जाएगा कंपन का अध्ययन
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: नोएडा के सेक्टर 93 ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) के मलबे से दो ब्लैक बॉक्स (Black Box) बरामद किए गए हैं। इन दोनों बॉक्स को सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (Central Building Research Institute) को जांच के लिए भेजा गया है। जांच से पता चल जाएगा कि भविष्य में इतनी ऊंची इमारत को ध्वस्त किया जाए तो ऐसी क्या सावधानियां बरती जाएं, जिससे कोई भी नुकसान न हो। हाल में ट्विन टावरों को ध्वस्त (Twin Towers Demolished) किया गया तो कई इमारतों में न केवल शीशे और टाइल्स उखड़ गईं बल्कि कई आसपास की सोसायटी के पिल्लरों में भी दरारें आ गईं। ऐसे में भविष्य में ऐसी कार्रवाई को और सुरक्षित बनाने के लिए अध्ययन किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुपरटेक के ट्विन टावरों को ध्वस्त करने से पहले दस ब्लैक बॉक्स लगाए गए थे ताकि धमाके के दौरान कंपन और विस्फोट की आवाज समेत अन्य बिंदुओं की जांच हो सके। मलबे से अब दो ब्लैक बॉक्स को बरामद कर लिया गया है, जबकि शेष आठ ब्लैक बॉक्स मलबे में हैं। इन्हें पता लगाने का प्रयास चल रहा है। फिलहाल जो दो ब्लैक बॉक्स मिले हैं, उन्हें एडिफिस इंजीनियरिंग ने सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट को सौंप दिया है। ब्लैक बॉक्स से जो भी डेटा दर्ज हुआ है, उस पर काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ ही सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च धनबाद के वैज्ञानिक काम रहे हैं।
पर्यावरण में बदलाव का भी किया जा रहा आकलन: ट्विट टावरों को ध्वस्त करने में 3500 टन विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। विस्फोट के बाद धूल का बड़ा गुबार उड़ा और आसपास की कई इमारतों में कांच और टाइल्स टूट गई। एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के कुछ पिलरों में दरार आने की बात सामने आई है। नुकसान से बचने के लिए संबंधित कंपनी ने पहले ही बीमा करा लिया था। ऐसे में शासन और प्रशासन की चिंता है कि विस्फोट के बाद पर्यावरण में किसी प्रकार का बदलाव तो नहीं आया। यही जांचने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायरमेंट एंड क्लाइमेट चेंज के संयुक्त निदेशक अजय राघव ने मौके का निरीक्षण किया। उनके साथ प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद रहा।
हर तरह की बरती गई सावधानी: नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि ट्विन टावरों को ध्वस्त करने के लिए हर तरह के इंतजाम किए गए। पर्यावरण को अधिक नुकसान न पहुंचे, इसके लिए आसपास की ग्रीन बेल्ट को कपड़े से कवर कर लिया था। साथ ही, पंपों की मदद से पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया गया ताकि धूल छंट सके। साथ ही अध्ययन में पता लगाया जाएगा कि भविष्य में ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी तो पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो सके।