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तुस्याना भूमि घोटाला: घोटालेबाज अब पैसा वापस लौटाने को हुए तैयार, एसआईटी को मिले अहम दस्तावेज

Admin Delhi 1
13 Jun 2022 12:14 PM GMT
तुस्याना भूमि घोटाला: घोटालेबाज अब पैसा वापस लौटाने को हुए तैयार, एसआईटी को मिले अहम दस्तावेज
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एनसीआर नॉएडा न्यूज़: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के गांव तुस्याना में हुए अरबों रुपए के भूमि घोटाले की जांच शुरू हो गई है। जांच शुरू होते ही मुआवजा हड़पने वाले लोग परेशान घूम रहे हैं। इन लोगों की रात की नींद और दिन का चेन उड़ गया है। बताया जा रहा है कि कुछ लोग जांच करने पहुंची एसआईटी टीम के इर्द-गिर्द घूम रहे थे। पता चला है कि ग्राम समाज की जमीन का मुआवजा उठाने वाले लोगों में एक पूर्व प्रधान और उसके परिजन, अथॉरिटी के पूर्व जीएम समेत कई लोगों के नाम जांच में सामने आ रहे हैं। हालांकि जांच रिपोर्ट अभी उजागर नहीं हुई है। जांच के लिए एसआईटी टीम एक बार फिर से ग्रेटर नोएडा आ सकती है।

मुआवजे की राशि वापस करने की फिराक में घूम रहे लोग: मिली जानकारी के मुताबिक तुस्याना ग्राम समाज की जमीन हड़पकर उस पर मुआवजा उठाने वाले लोग अब जेल जाने से बचने के लिए मुआवजे की धनराशि वापस करने की फिराक में घूम रहे हैं, लेकिन एसआईटी टीम अपनी जांच में पूरी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार और मेरठ मंडल आयुक्त को सौपेंगी। पिछले दिनों राजस्व परिषद के चेयरमैन संजीव मित्तल ने कई घंटे तक तुस्याना गांव में निरीक्षण किया। उसके बाद ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में सीईओ व मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह के साथ कई घंटे बंद कमरे में बातचीत की और रिपोर्ट को लेकर सवाल पूछे गए। बताया जाता है कि एसआईटी टीम ने एडीएमएलए दफ्तर से तुस्याना गांव की जमीन पर उठाए गए मुआवजा को लेकर संबंधित दस्तावेज मांगे हैं।

क्या है मामला: दरअसल, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण क्षेत्र के तुस्याना गांव में वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक भूमाफियाओं के गठजोड़ ने सरकारी जमीन हड़प ली। करीब 100 एकड़ जमीन कुछ स्थानीय लोगों की मिलीभगत से अपने नाम कर ली गई। इसमें राजस्व विभाग के कर्मचारी शामिल रहे। ग्राम पंचायत से ताल्लुक रखने वाले पदाधिकारी भी इस घोटाले में शामिल बताए जा रहे हैं। इसके बाद जमीन ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को बेच दी गई। प्राधिकरण से करीब 100 करोड रुपए मुआवजा ले लिया गया।

ग्रामीणों की शिकायत पर हुआ खुलासा: कुछ ग्रामीणों ने वर्ष 2018 के आखिर में तत्कालीन जिलाधिकारी बीएन सिंह से इस मामले की शिकायत की। बताया कि भूमाफिया ने सरकारी जमीन का मुआवजा अथॉरिटी से उठाया है। जिलाधिकारी ने मामले में जांच का आदेश दिया। जांच रिपोर्ट में ग्रामीणों की शिकायतों को सही पाया गया है। वर्ष 2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने रिपोर्ट शासन को कार्यवाही के लिए भेजी थी। जिसके बाद इस मामले में शासन ने एक हाईपावर कमेटी का गठन किया है।

रेवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता में बनी जांच समिति: राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील के गांव तुस्याना में खाता संख्या 1104, 480, 1106 और 1105 में सरकारी भूमि निहित थी। इस सरकारी भूमि को भूमाफियाओं ने हड़प लिया और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से 100 करोड़ रुपए का मुआवजा उठाया गया है। इस मामले में राजस्व परिषद के अध्यक्ष संजीव कुमार मित्तल की अध्यक्षता में एक हाईपावर जांच समिति गठित की गई है। मेरठ के मंडलायुक्त और ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह व मेरठ के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सब्बरवाल को समिति का सदस्य बनाया गया था।

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