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तुस्याना भूमि घोटाला: भाई कैलाश भाटी की हाईकोर्ट में दोबारा जमानत हुई खारिज

Admin Delhi 1
6 May 2023 2:55 PM GMT
तुस्याना भूमि घोटाला: भाई कैलाश भाटी की हाईकोर्ट में दोबारा जमानत हुई खारिज
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ग्रेटर नोएडा: भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य नरेन्द्र भाटी के छोटे भाई व तुस्याना गांव में अरबों के भूमि घोटाले में आरोपी कैलाश भाटी का एक साल से पहले जेल की काल कोठरी से निकलना मुश्किल है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर कैलाश भाटी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

क्या था तुस्याना का भूमि घोटाला

ग्रेटर नोएडा के तुस्याना भूमि घोटाले का पर्दाफाश, सामाजिक संगठन सच सेवा समिति के संचालक डा. यतेन्द्र भाटी ने किया था। तुस्याना में 175 बीघे सरकारी जमीन को भू-माफियाओं, सरकारी अफसरों व नेताओं ने हड़प लिया बल्कि उसके एवज में 6 प्रतिशत विकसित जमीन बेशकीमती क्षेत्र में अपने तथा चहेतों के नाम कराकर उस पर आलीशान मॉल बना डाले। डा. यतेद्र भाटी ने वर्ष-2021 में गौतमबुद्धनगर जिला न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि भू-माफियाओं ने तुस्याना में अरबों की जमीन (एलएमसी) को हड़प कर उस जमीन के बदले करोड़ों रूपये का मुआवजा प्राधिकरण से ले लिया।

इस खेल में भू-माफिया राजेन्द्र प्रधान मकोड़ा, ग्रेनो प्राधिकरण के बतौर प्रबंधक (प्रोपर्टी विभाग) के पद पर कार्यरत भाजपा नेता नरेन्द्र भाटी के भाई कैलाश भाटी, चर्चित भू-माफिया रविन्द्र तोगड़, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्लानिंग विभाग में तैनात डब्ल्यू सुखवीर, विधि विभाग में तैनात अतुल शुक्ला, तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी रमारमन, पीसी गुप्ता तथा तत्कालीन अपर जिलाधिकारी (भू-अध्याप्ति) जैसे बड़े नाम शामिल थे। सच सेवा समिति की अर्जी पर गौतमबुद्धनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जिसके बाद ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक-3 थाने में विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गयी।

कैलाश सहित तीन हुए थे गिरफ्तार

ईकोटेक-3 थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस की एसआईटी ने कैलाश भाटी सहित तीन लोगों को पिछले साल गिरफ्तार किया था। तब से कैलाश भाटी जेल में हैं। उसकी दो जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं।

पहले भी खारिज हुई जमानत

तुस्याना में अरबों के भूमि घोटाले में शामिल कैलाश भाटी की पहली जमानत याचिका हाईकोर्ट में बीते 24 जनवरी को खारिज की जा चुकी है। कैलाश के वकीलों ने नए सिरे से जमानत की दूसरी याचिका दाखिल की थी। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में 25 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा ने कैलाश भाटी की जमानत याचिका खारिज करते हुए नई याचिका में दिये गये आधार को जमानत देने लायक न बताते हुए खारिज किया और इस केस को ट्रॉयल को एक साल में पूरा करने का आदेश गौतमबुद्धनगर जिला न्यायालय को दिया। अब कैलाश भाटी के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बचा है। कानून के जानकारों का मानना है कि कैलाश भाटी एक साल से पहले जेल से बाहर नहीं आ पाएगा।

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