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परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने डीटीसी की 11 महिला बस चालकों को सौंपा नियुक्ति पत्र, अलग-अलग डिपो में तैनात होंगी महिलाएं

Admin Delhi 1
24 Aug 2022 5:32 AM GMT
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने डीटीसी की 11 महिला बस चालकों को सौंपा नियुक्ति पत्र, अलग-अलग डिपो में तैनात होंगी महिलाएं
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दिल्ली न्यूज़: दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों के लिए दिल्ली में जल्द ही महिला ड्राइवर होंगी क्योंकि दिल्ली सरकार उन्हें भर्ती करने की योजना बना रही है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कल (मंगलवार) को कहा कि सरकार रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के अपने प्रयास के तहत डीटीसी बसों में 180 महिला चालकों की भर्ती करने की योजना बना रही है। कैलाश गहलोत ने पहले चरण में 11 महिला बस चालकों कको नियुक्ति पत्र भी सौंपा। कैलाश गहलोत ने कहा कि जिन 11 महिला चालकों को नियुक्त किया गया है, उन्होंने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। महिलाओं को सशक्त बनाना है। आज 11 महिला ड्राइवरों को प्रशिक्षण पूरा करने के बाद रोजगार पत्र मिले। दस और महिलाएं प्रशिक्षित हो रही हैं जबकि अन्य बैच भी शुरू हो गए हैं। हमारी योजना डीटीसी में 180 महिला ड्राइवर रखने की है।


गौरतलब है कि इसी वर्ष फरवरी 2022 में दिल्ली सरकार ने राजधानी में डीटीसी और क्लस्टर बसों के लिए महिला ड्राइवरों की भर्ती के लिए ऊंचाई और अनुभव मानदंड में ढील दी थी। बस चालक के पद के लिए आवेदन करने वाली महिला आवेदकों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 159 से.मी. से घटाकर 153 से.मी. कर दी गई थी, जबकि भारी मोटर वाहन लाइसेंस जारी करने के बाद की अनुभव अवधि तीन साल पहले से एक महीने तक कम कर दी गई थी। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा हमने उनके लिए मानदंडों में ढील दी थी। इन महिला ड्राइवरों ने तीन महीने का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। उन्हें डिपो में प्रशिक्षित किया गया है और उन्होंने ऑन-रोड प्रशिक्षण भी लिया है। डीटीसी के अनुभवी प्रशिक्षकों ने उन्हें प्रशिक्षित किया है। इस मौके पर राजघाट डिपों में आयोजित समारोह में परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा, दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) के प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थित थे।

भारी वाहन चलाने के शौक ने चालक बनाया: मैं रेवाड़ी (हरियाणा) की रहने वाली हूं। मैं तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हूं। मैने एमकॉम तक पढ़ाई की है। मैं चाहती तो शिक्षक या अन्य दूसरे किसी सामान्य नौकरी कर सकती थी, लेकिन मुझे बचपन से ही बड़े वाहन चलाने का शौक था। इस कारण में कॉलेज के दिनों में पढ़ाई के साथ-साथ ड्राईविंग का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया पहले छोटे वाहन चलाए, इसके बाद बस व ट्रक चलाने लगी। जब प्रशिक्षण पूरा हो गया तो बड़े वाहन बस चलाने का लाइसेंस बनवाया। हरियाणा रोडवेज में कुछ माह चालक के तौर पर रहने के बाद अब दिल्ली सरकार ने मौका दिया है तो यहां आवेदन किया और चालक पद के लिए चुन ली गई। अब नंदनंगरी डिपो में दो माह का प्रशिक्षण लेने के बाद डीटीसी में नियुक्त हो गई है। फिलहाल मुझे सरोजनी नगर डिपो में तैनाती मिली है।

दीपक:

रेवाड़ी (हरियाणा) डीटीसी बस चलाने के शौक ने मुझे हरियाणा के चरखी दादारी से दिल्ली खींच लाया। मैं बहुत पहले से छोटे-बड़े सभी वाहन चलाती रही हूं। दिल्ली सरकार ने जब डीटीसी में महिला चालक रखने की घोषणा की तो वह भी अपने आपकों रोक न सकी और परिवार वालों की सहमति व मदद से डीटीसी में चालक पद के लिए आवेदन कर दिया। किस्मत ने साथ दिया और मैं चून ली गई। आज मैं डीटीसी में चालक पद पर नियुक्ति पाकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मैने स्कूल के साथ कॉलेज तक शिक्षा ग्रहण किया है। नौकरी मिलने से ज्यादा मुझे खुशी इस बात की है कि वह आत्मनिर्भर होकर देश की राजधानी की सड़कों पर अब बस को रफ्तार देगी।

शर्मीला:

चरखी दादरीमुझे इस बात की बेहद खुशी है कि वह बस चालक बनकर महिलाओं के लिए बस चालक बनने का रोल मॉडल बन गई है। महिला बस चालकों के पहले जत्थे को दिल्ली सरकार से हरी झंडी मिल गई है और आज डीटीसी में चालक पद पर नियुक्ति पत्र पाकर अत्यंत खुशी हो रही है। मैने नंदनगरी डिपो के तहत दिल्ली में बस चलाने का दो महीने का विशेष प्रशिक्षण लिया। इस दौरान भी हम महिला चालकों को सरकार की ओर से खर्चे के लिए प्रतिमाह 12 हजार रुपए मिल रहा था। मैंने पढ़ाई पूरी करने के बाद दूसरे क्षेत्र में काम किया, लेकिन मेरा सपना था कि बस जैसे वाहन चलाउं बस यही सपना राजस्थान से दिल्ली खींच लाया।

कोमल चौधरी (बाड़मेर, राजस्थान):

दिल्ली सरकार से मुझें एमएमवी (भारी मोटर वाहन) लाइसेंस व प्रशिक्षण मिलने के बाद मेरी तैनाती नांगलोई डिपो में हुई। पढ़ाई के दौरान ही मैं छोटे-बड़े वाहन चलाने लगी थी। गांव में सर्वप्रथम भारी वाहन में ट्रेक्टर चलाई थी, उसके बाद तो सभी भारी मोटर वाहन चलाने के प्रयास में लग गई। इसके लिए प्रशिक्षण लेना शुरू किया। प्रशिक्षण के बाद हरियाणा सरकार से भारी मोटर वाहन लाइसेंस लिया। लाइसेंस लेने के बाद हरियाणा रोडवेज में बस चलाने के लिए प्रयास किया, लेकिन मौका नहीं मिला। दिल्ली सरकार द्वारा महिला चालक रखने की योजना के तहत आवेदन किया और चुन ली गई। दो महीने का प्रशिक्षण के बाद अब पूरी तरह से डीटीसी की बसें चलाने के लिए तैयार हूं। आज परिवहन मंत्री को बस में बैठाकर डिपो के अंदर बस चलाकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही हूं।



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