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परिवहन विभाग ने जारी किया आदेश: फिटनेस प्रमाणपत्र के लैंगिक समानता पाठ्यक्रम पूरा करना ज़रूरी
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली में सवारी वाहन चालकों के बगैर लैंगिक समानता संवेदीकरण पाठ्यक्रम पूरा किए उनके वाहन को फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। इसकी छूट मिलने की लगाई जा रहीं अटकलों के बीच गत एक अगस्त को परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर साफ कर दिया कि इस मामले में कोई छूट नही दी जाएगी। दिल्ली में कैब और ऑटो रिक्शा समेत सार्वजनिक परिवहन सेवा (पीएसवी) के सभी वाहनों को इस पाठ्यक्रम को पूरा करना जारी रहेगा। विभाग के अनुसार इसका मकसद इन वाहनों के चालकों को महिलाओं के प्रति व्यवहार को लेकर जागरुक करना है। हालांकि इस आदेश में ई-रिक्शा को इससे छूट दे दी गई है।
परिवहन विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली में कैब और ऑटोरिक्शा, स्कूल कैब, फटफट सेवा, मैक्सी कैब, बस व मिनी बस आदि सार्वजनिक परिवहन सेवा (पीएसवी) के सभी वाहनों को तब तक फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा, जब तक उनके चालक लैंगिक समानता संवेदीकरण पाठ्यक्रम अनिवार्य तौर पर नहीं करेंगे। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के संयुक्त आयुक्त नवलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि यह पाठ्यक्रम पहले भी अनिवार्य था, लेकिन उसे कुछ बदलावों के साथ एक निश्चित दिशा दी गई है। ऑटो रिक्शा और वाणि'ियक हल्के वाहनों के चालकों के लिए महिला-पुरूष समानता संवेदीकरण पाठ्यक्रम के तहत प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य था। उधर, ऑटो टैक्सी यूनियन वाले इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह गलत व्यवस्था है। इसे लागू कर उन लोगों का शोषण किया जा रहा है। वे लोग जनवरी से लागू इस व्यवस्था के बदले जाने की मांग कर रहे हैं।