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डीडीएमए से व्यापारियों की मांग: पाबंदियां संक्रमण दर के आधार पर न लगें
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली में लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों पर बुधवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक से ठीक पहले व्यापारियों ने पत्र लिखकर आग्रह किया है कि डीडीएमए संक्रमण दर के मुताबिक कोरोना प्रतिबंध न लगाए जाएं। हां, मास्क को अनिवार्य किया जाए लेकिन संक्रमण दर के आधार प्रतिबंध न लगें। बता दें कि राजधानी में कोरोना के 500 से ज्यादा मामले रोजाना आ रहे हैं और संक्रमण दर 7.72 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। बुधवार को डीडीएमए की मीटिंग में कोरोना के मौजूदा हालात को देखते हुए अन्य पाबंदियों पर भी निर्णय हो सकता है और इसीलिए व्यापारिक संगठन चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने डीडीएमए से गुहार लगाई है कि अभी दिल्ली में ज्यादा सख्ती लागू करने की जरूरत नहीं है। सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि कई मेडिकल एक्सपट्र्स की माने तो कोरोना के केस भले बढ़ रहे हैं, लेकिन वो खतरनाक नहीं हैं। अस्पतालों में बेड खाली हैं। डीडीएमए बैठक में पाबंदियों की आशंका मात्र से ही व्यापारियों में भय का माहौल है।
व्यापारियों ने कहा कि वैवाहिक समारोह को देखते हुए अब व्यापार पटरी पर आ रहा है और ऐसे में पाबंदियां लगी तो फिर से हालात खराब होंगे। इस पर गौर किया जान चाहिए कि कितने बिस्तर भरे हैं, वेरिएंट कितना असरकारक है। चूंकि दिल्ली में बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन लग चुकी है, इम्युनिटी भी स्ट्रॉन्ग हुई है, ओमिक्रॉन वैरिएंट पहले ही देख चुके हैं इसलिए अगर जरूरी हो तो मास्क पहनना अनिवार्य करे लेकिन मास्क की पेनल्टी 2000 रूपये ना हो। बृजेश गोयल ने कहा कि अगर बाजार, व्यापार, औद्योगिक गतिविधियों पर पाबंदी लगी तो श्रमिकों का पलायन भी हो सकता है और उससे समस्याएं बढेंगी।