दिल्ली-एनसीआर

राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा का सितम जारी, आने वाले 3 दिनों तक बहुत ज्यादा रहेगा प्रदूषण

Admin Delhi 1
22 Oct 2022 6:42 AM GMT
राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा का सितम जारी, आने वाले 3 दिनों तक बहुत ज्यादा रहेगा प्रदूषण
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दिल्ली एनसीआर न्यूज़: दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है। शनिवार सुबह साढ़े 6 बजे दिल्ली में ओवर ऑल एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 262 (PM2.5) दर्ज किया गया जो खराब श्रेणी में आता है। आनंद विहार में एक्यूआई 399 है जो बहुत खराब कैटिगरी में आता है। ये हाल तब है जब राजधानी में पटाखों पर पूरी तरह बैन है। नोएडा में पलूशन बहुत खराब श्रेणी में है, जहां सुबह साढ़े 6 बजे एक्यूआई 306 दर्ज किया गया। गाजियाबाद के लोनी में एक्यूआई 362, गुरुग्राम सेक्टर 51 में 370 तो फरीदाबाद में एक्यूआई 176 है। गुरुग्राम में सुबह 7 बजे औसत एक्यूआई 156 नापा गया।

दिल्ली-एनसीआर में आज से बेहद खराब प्रदूषण के दौर का अनुमान: दिल्ली में पहले से ही पूर्वानुमान था कि शनिवार से प्रदूषण और बढ़ेगा। पराली जलाने के मामले भी अब बढ़ने लगे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में इसका प्रदूषण भी राजधानी को प्रभावित कर सकता है। बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर में GRAP-2 के तहत कई तरह की पाबंदियां लागू की गई हैं। आईआईटीएम पुणे के अनुसार शनिवार से प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर जा सकता है। दो दिन पूर्व 19 अक्टूबर को ही यह पूर्वानुमान कर दिया गया था। जिसके बाद सीएक्यूएम ने 19 अक्टूबर को ही ग्रैप का दूसरा चरण लागू कर दिया था।

पूर्वानुमान के अनुसार 22 से 24 अक्टूबर तक प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में ही रहेगा। वहीं, इसके बाद अगले 6 दिनों तक यह खराब से बेहद खराब स्तर पर जा सकता है। शनिवार से हवाओं की गति काफी कम हो जाएगी। वहीं, हवाएं उत्तरपूर्वी दिशा से आएंगी। 23 अक्टूबर को भी खासतौर पर सुबह व शाम के समय हवा काफी कम गति से बहेगी। दोपहर के समय इसमें थोड़ी सी तेजी जा सकती है। सफर के पूर्वानुमान के अनुसार 22 से 24 अक्टूबर तक प्रदूषण खराब से बेहद खराब स्तर पर रह सकता है।

बढ़ रहे हैं पराली के मामले: शुक्रवार को पराली के मामलों में फिर से इजाफा हुआ है। अकेले पंजाब में 393, हरियाणा में 107 जगहों पर पराली जली है। एक्सपर्ट के अनुसार दिवाली से पहले किसान अधिकतम पराली को ठिकाने लगा देना चाहते हैं। हालांकि टीमों के सर्तक होने की वजह से किसानों को कम मौके मिल रहे हैं। यही वजह है कि मामलों में अभी उतना इजाफा नहीं हैं।

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