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भीड़ से कहा- पहले सिखों को मारो, फिर दुकान लूटो; CBI की चार्जशीट में दावा
SANTOSI TANDI
6 Aug 2023 2:13 PM GMT
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CBI की चार्जशीट में दावा
सिख विरोधी दंगा मामले में CBI ने शनिवार (6 अगस्त) को दिल्ली की एक कोर्ट में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। एजेंसी ने चार्जशीट में टाइटलर पर हत्या का आरोप लगाया है। सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि टाइटलर ने कार से उतरकर भीड़ से कहा- पहले सिखों को मारो, फिर उनकी दुकानें लूट लो।
CBI ने कहा- कांग्रेस नेता ने दिल्ली में गुरुद्वारा पुल बंगश के पास सिखों को मारने के लिए भीड़ को उकसाया था। इसके बाद भीड़ ने तीन लोगों की हत्या कर दी। चार्जशीट में कांग्रेस नेता के ड्राइवर के बेटे का बयान भी शामिल है।
जांच एजेंसी ने चार्जशीट में साल 2000 में जस्टिस नानावटी जांच आयोग के सामने दायर हलफनामे से एक गवाह का बयान भी शामिल किया। गवाह के मुताबिक, उसने दिल्ली के टीबी अस्पताल गेट के पास जगदीश टाइटलर को देखा था। वो भीड़ को डांटते हुए कह रहे थे कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में पूर्वी दिल्ली और कैंट के मुकाबले कम सिख मारे गए हैं। उन्होंने बड़े पैमानों में सिखों की हत्या का वादा किया था और पूरी सुरक्षा मांगी थी, लेकिन आप लोगों ने मुझे धोखा दिया है।
गवाह ने कहा- जगदीश भीड़ को उकसा रहे थे
CBI ने चार्जशीट में एक अन्य गवाह के हवाले से बताया कि उसने कांग्रेस नेता को मौके पर देखा था। वे अपनी कार से बाहर निकले और भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया। इसके बाद भीड़ ने दुकानों में लूटपाट की, गुरुद्वारे में आग लगा दी और सिख समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी।
गवाह ने बताया कि यह देखने के बाद वह अपने घर लौट आया, लेकिन डर की वजह से पड़ोसी के घर में जाकर छिप गया। एजेंसी ने कहा कि जांच के दौरान पर्याप्त सबूत मिले हैं कि हिंसा के दौरान कांग्रेस नेता वहां मौजूद थे।
उधर, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार (4 अगस्त) को सिख विरोधी दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को सशर्त अग्रिम जमानत दे दी थी। स्पेशल जज विकास ढुले ने कहा कि टाइटलर कोर्ट की इजाजत के बिना देश से बाहर नहीं जा सकेंगे। साथ ही वे मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे।
जब टाइटलर की बेल पिटीशन पर सुनवाई हो रही थी, तब दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के लोगों ने प्रदर्शन किया था।
जब टाइटलर की बेल पिटीशन पर सुनवाई हो रही थी, तब दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के लोगों ने प्रदर्शन किया था।
CBI ने कहा- वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं
CBI ने कोर्ट में टाइटलर को जमानत देने का विरोध किया। एजेंसी की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील एचएस फुल्का ने कहा कि गवाह बहुत हिम्मत दिखाकर आगे आए हैं। अगर आरोपी को जमानत मिली तो गवाहों को प्रभावित करने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे दंगे
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे शुरू हुए।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे शुरू हुए।
31 अक्टूबर 1984 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़के थे। CBI ने बताया कि नवंबर 1984 में दिल्ली के आजाद मार्केट में स्थित पुल बंगशश गुरुद्वारा को भीड़ ने आग लगा दी थी।
पुल बंगश गुरुद्वारा के पास तीन सिख ठाकुर सिंह, बादल सिंह, गुरचरन सिंह को भीड़ ने जलाकर मार डाला था। सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए भारत सरकार ने साल 2000 में जस्टिस नानावटी कमीशन बनाया था।
जस्टिस नानावटी कमीशन की रिपोर्ट जारी होने के बाद तत्कालीन गृह मंत्रालय ने CBI को तत्कालीन सांसद और अन्य लोगों के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे।
टाइटलर पर भीड़ को भड़काने का आरोप
दंगाइयों ने सिखों की हत्या कर उनकी दुकानों में आग लगा दी और सामान लूट लिए।
दंगाइयों ने सिखों की हत्या कर उनकी दुकानों में आग लगा दी और सामान लूट लिए।
CBI ने जांच में पाया कि जगदीश टाइटलर ने भीड़ को भड़काया और उकसाया। जिसके चलते भीड़ ने आजाद मार्केट स्थित पुल बंगस गुरुद्वारा को आग लगा दी, तीन सिखों को मार दिया और उनकी दुकानों को लूटने के बाद आग लगा दी।
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