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तिहाड़ जेल प्रशासन, तलाशी के दौरान शरजील इमाम के पास मिली घड़ी

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा है कि दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम के पास से जेल में तलाशी के दौरान कलाई की घड़ी मिली थी. कलाई घड़ी जेल में प्रतिबंधित सामग्री है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने कड़कड़डूमा कोर्ट को ये सूचना दी. इस मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी.जेल प्रशासन ने कहा है कि पिछले 30 जून को शरजील इमाम की तलाशी के दौरान घड़ी मिली थी. जेल प्रशासन के मुताबिक, शरजील इमाम तलाशी के दौरान जेल प्रशासन को सहयोग नहीं कर रहा था. सुनवाई के दौरान शरजील की ओर से पेश वकील तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम ने जेल अधिकारियों के इस दावे को गलत बताते हुए कहा कि घड़ी प्रतिबंधित सामग्री नहीं है. शरजील इमाम को घड़ी रखने की अनुमति मिली हुई थी. तलाशी के दौरान शरजील इमाम ने जेल प्रशासन से कहा था कि उसे घड़ी रखने की अनुमति दी गई है. अनुमति संबंधी दस्तावेज एक किताब में रखी गई थी जो बिहार भेज दी गई. किताब मंगाने पर अनुमति संबंधी दस्तावेज दिखा दिए जाएंगे. इस पर जेल प्रशासन ने कहा कि शरजील के पास एक दूसरा बैग था, जिसे शरजील ने खोलने नहीं दिया.
शरजील ने जेल में हमले की शिकायत की है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जेल प्रशासन से सीसीटीवी फुटेज मांगा था. कोर्ट ने जेल सेवादार का रजिस्टर भी तलब किया था. शरजील इमाम ने जेल में अपनी जान को खतरा बताते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शरजील इमाम का कहना है कि जेल के अंदर कैदियों ने हमला किया और उसे आतंकवादी और देशद्रोही कह रहे हैं. कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील इमाम की राजद्रोह के मामले में दायर जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट जमानत याचिका पर 20 जुलाई को फैसला सुनाने वाला है.
11 अप्रैल को कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 24 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कड़कड़डूममा कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई.दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा. बता दें कि शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था.
