- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- रूट रेशनलाइजेशन के...
रूट रेशनलाइजेशन के जरिए दिल्ली में हर 15 मिनट के अंदर 500 मीटर के दायरे में आसानी से मिलेगी बसे
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली सरकार रूट रेशनलाइजेशन के जरिए राजधानी के हर कोने से एक निश्चित समय के अंतराल पर बसें उपलब्ध कराएगी। सरकार राजधानी में सार्वजनिक बसों के रूटों का रेशनलाइजेशन (युक्तिकरण) कर रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में बुधवार को इसे लेकर उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों ने रूट रेशनलाइजेशन को लेकर की गई स्टडी के सुझावों पर प्रजेंटेशन दिया। नए प्लान के तहत राजधानी में 5 से 15 मिनट के अंतराल पर बसें उपलब्ध होंगी। राजधानी के दूरदराज के इलाकों, जहां बस सेवा उपलब्ध नहीं, वहां भी बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। मेट्रो स्टेशनों से लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए फीडर बसों की सेवा दी जाएगी और दिल्ली से एनसीआर की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा।
इस पर अभी जनता का फीडबैक लिया जाएगा। इसके बाद नए प्लान को अधिसूचित किया जाएगा। बैठक में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सुझावों के लागू होने के बाद दिल्ली में कोई भी यात्री मानक के अनुसार 15 मिनट के अंदर और 500 मीटर के दायरे में बस प्राप्त कर सकेगा। अभी दिल्ली में बसों का कवरेज 15 मिनट और 500 मीटर के मानक के हिसाब से सिर्फ 49 फीसद है, जिसे बढ़ाकर 95 फीसद किया जाएगा। प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि दिल्ली के शहरी और ग्रामीण इलाकों तक बस सेवा को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है और कैसे दिल्ली के किसी भी कोने में रहने वाला कोई व्यक्ति कम समय में और कम पैसे खर्च करके दिल्ली के एक कोने से दूसरे कोने तक बस से सफर कर सकता है।
बस रूटों को चार कटेगरी में बांटा जाएगा, नए रूट होंगे शामिल: अब राजधानी के सभी बस रूटों को चार कटेगरी में बांटा जाएगा। पहला ट्रंक नेटवर्क होगा, जिसके अंदर तीन सीबीडी सर्कुलेटर और 27 सुपर ट्रंक रूट शामिल है। इसमें बसों की फ्रीक्वेंसी 5 से 10 मिनट की होगी। दूसरा प्राइमरी नेटवर्क होगा, जिसमें 10 से 15 मिनट पर बसों की फ्रीक्वेंसी होगी। तीसरा सेकेंडरी और चौथा फीडर नेटवर्क होगा, जिसमें बसों की फ्रीक्वेंसी 15 से 20 मिनट पर होगी। मौजूदा समय में राजधानी में 625 बस रूट हैं, जिसमें अभी 7200 बसें चल रही हैं। अब स्टडी के बाद 625 स्टैंडर्ड बसों के रूट में 274 रूटों पर बसों की फ्रीक्वेंसी 5 से 10 मिनट की होगी। आने वाले समय में स्टैंडर्ड बसों की संख्या 7200 से 8494 की जाएंगी। इसके अलावा लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए मिनी मिडी की बसें 120 रूटों पर चलाई जाएंगी, जिनकी संख्या करीब 2000 होगी। इसी तरह मेट्रो फीडर की सर्विस 44 रूटों पर चलाई जाएगी, जिसमें बसों की संख्या 480 होगी। स्टैंडर्ड बसों के 274 रूटों को कई कटेगरी में बांटा गया है। स्टडी के तहत ट्रंक रूटों की संख्या 30 होगी, जिसमें पांच रूट नए हैं। इसी तरह प्राइमरी नेटवर्क में रूटों की संख्या 154 होगी, जिसमें नए रूट 18 होंगे। सेकेंडरी नेटवर्क में रूटों की संख्या 65 होगी। इसके अलावा एनसीआर और एयरपोर्ट रूटों की संख्या 38 की जाएगी, जिसमें 12 नए रूट होंगे।
तीन सीबीडी सर्कुलेटर रूट:
सीबीडी सर्कुलेटर 01 ( मोरी गेट से मोरी गेट)
इससे मोरी गेट, दिल्ली गेट, आईटीओ, केंद्रीय सचिवालय, शिवाजी स्टेडियम टर्मिनल (कनॉट प्लेस), करोलबाग, तीस हजारी कोर्ट व मोरी गेट रूट शामिल है। इसकी लंबाई करीब 22 किलोमीटर होगी।
सीबीडी सर्कुलेटर 02 (नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन)
नई दिल्ली, दिल्ली गेट, आईटीओ, हुमायूं का मकबरा, आश्रम, लाजपत नगर, साउथ एक्सटेंशन, एम्स, केंद्रीय सचिवालय, कनॉट प्लेस व नई दिल्ली रूट शामिल हैं। इसकी लंबाई 31 किलोमीटर होगी।
सीबीडी सर्कुलेटर 03 (नेहरू प्लेस से नेहरू प्लेस)
इसमें नेहरू प्लेस, चिराग दिल्ली, आईआईटी दिल्ली, मुनिरका, मोती बाग, एम्स, मूलचंद, कैलाश कॉलोनी व नेहरू प्लेस रूट शामिल है। इसकी लंबाई 28 किलोमीटर होगी।
37 फीसदी लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते:
बसों के रूट रेशनलाइजेशन के लिए छह तरह के सर्वे किए गए।
इस सर्वे में करीब दो लाख लोगों को शामिल किया गया, जिसके अनुसार 2 लाख लोगों में से 37 फीसद लोग सार्वजनिक परिवहन सेवा का इस्तेमाल करते पाए गए।
लोगों की औसत यात्रा की लंबाई करीब 11.2 किलोमीटर है।
आनंद विहार आईएसबीटी, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, कनॉट प्लेस, कश्मीरी गेट आईएसबीटी व बदरपुर जैसे ट्रांजिट सेंटरों पर यात्रियों की सबसे अधिक भीड़ होती है।
लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए 33 फीसद लोगों द्वारा ई-रिक्शा का उपयोग किया जाता है।
अभी प्रति बस औसतन 36 यात्री करते सफर:
प्रत्येक ट्रिप में प्रति बस में औसतन 36 यात्री सफर करते।
दिल्ली के केंद्रीय एरिया में बसों में यात्रा करने वालों की संख्या सबसे 'यादा है।
पांच प्रमुख बस स्टाप हैं, जहां पर सुबह और शाम को पीक आवर के दौरान प्रति घंटा सबसे अधिक यात्रियों की संख्या होती है।
इसमें पहले नंबर पर बदरपुर बॉर्डर है, जहां पर प्रति घंटा 1382 लोग बसों का सफर करते हैं।
इसके बाद कश्मीरी गेट है, यहां पर प्रति घंटा 480 लोग बसों में सफर करते हैं।
इसी तरह मंडी हाउस में प्रति घंटा 408, पालिका केंद्र में प्रति घंटा 380 व मंगलापुरी टर्मिनल में प्रति घंटा 327 लोग सफर करते हैं।
मध्यम आय वर्ग वाले एरिया के रूटों की बसों पर सबसे अधिक बोझ
मध्यम आय वर्ग और निम्न आय वर्ग वाले क्षेत्रों की रूटों पर चलने वाली बसों पर अधिक बोझ रहता है।
बवाना,नरेला, मुंडका, दिल्ली कैंट चार्ज-4 व 6, पुसा, कापसहेड़ा, किशनगढ़,आया नगर, कश्मीरी गेट, एनडीएमसी चार्ज-3, निजामुद्दीन, त्रिलोकपुरी, सरिता विहार, छतरपुर और भाटी ट्रांजिट स्टॉप पर यात्रियों की भीड़ 'यादा होती है।
मध्यम आय वर्ग वाले 15 एरिया को भी चिन्हित किया गया है, जहां पर 30 से 70 फीसदी लोग सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का उपयोग करते हैं।
इसमें अशोक विहार, पीरागढ़ी, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, कनॉट प्लेस, बिजवासन, मालवीय नगर, कीर्ति नगर, विवेक विहार, चांदनी चौक, दरियागंज, एनडीएमसी चार्ज-6, अमर कॉलोनी, ग्रेटर कैलाश वन व शापुर जाट शामिल है।