- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- कुल्हड़ में सिर्फ चाय...
कुल्हड़ में सिर्फ चाय नही बल्कि अपने देश की मिट्टी को बार-बार चुमने का मौका: उपराज्यपाल वीके सक्सेना
दिल्ली न्यूज़: कुल्हड़ में हम सिर्फ चाय नहीं पीते है, बल्कि यह अवसर होता है अपने देश की मिट्टी को बार-बार चुमने का। हम जितनी बार कुल्हड़ में चाय पीते हैं उतनी बार हम अपने वतन की मिट्टी को होठों से चूमते हैं। यह बातें शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कही। वह वह कनॉट प्लेस के चरखा पार्क में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय स्वाद माटी का फूड फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी है। भगवान श्री कृष्ण ने मटकी से मक्खन निकाल कर खाया करते थे। उसी शुभ अवसर पर यह आयोजन शुरू किया जा रहा है। इस फूड फेस्टिवल आने वालों को मिट्टी के बर्तनों में भोजन परोसे जाएंगे, जिन्हें पकाया भी मिट्टी के बर्तनों में ही है। उन्होंने कहा कि आज की खाने की आदतों लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। मिट्टी के बर्तनों की मांग की कमी के कारण कुम्हार और प्रजापति समाज के लोगों को व्यवसाय बंद कर दूसरे रोजगार के साधन ढूंढने पड़ रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुम्हारों के उत्थान के लिए योजना शुरू की। इससे करीब ढाई लाख किसानों के व्यवसाय को मजबूत करने का कार्य हुआ। आज मिट्टी के यह बर्तन 400 रेलवे स्टेशनों में मिल रहे हैं। जिससे कुम्हारों का सशक्तिकरण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि मिट्टी के बर्तनों में बने खाने का न केवल स्वाद अलग होता है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। मैंने डॉक्टर से पूछा तो उनका कहना था कि प्रेशर कुकर में बनी दाल में 16 प्रतिशत ही पोषक तत्व बचते हैं जबकि मिट्टी की हांडी में 88 प्रतिशत पोषक तत्व दाल में बचते हैं। इस अवसर पर एनडीएमसी के चेयरमैन भूपिंदर सिंह भल्ला, एनडीएमसी सदस्य कुलजीत चहल, विशाखा सैलानी और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।