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दिल्ली पुलिस की फाइलों में बंद 100 साल पुराने ये अनोखे केस
दिल्ली: अगर आप से कहा जाए कि सब्जी मंडी थाना इलाके में खच्चर चोरी हो गया है या अलीपुर थाना इलाके में एक पेड़ की चोरी हुई, जिसको पुलिस ने केस दर्ज कर बरामद कर लिया है तो तय है कि ऐसी खबरें आपको गुदगुदाएंगी। आपके चेहरे पर हंसी लाएंगी। मगर…. ये सच है। जब आप देश की आजादी, उसके इतिहास को महसूस करेंगे, तो क्यों ना इतिहास के ही कुछ अनोखे, रोचक और दिलचस्प 100 साल से भी पुराने केसों के किस्सों को भी आप पढ़ें। फिर कुछ पल के लिए आंखें मूंदकर समय की सुइयों को पीछे घुमाकर अहसास करें कि कैसा था वो वक्त।
1. एक रजाई और एक जूता चोरी
तारीख: 11 दिसंबर 1877, थाना सब्जी मंडी
मुकदमा संख्या: 9/189 IPC की धारा 382
नतीजा: अनट्रेस
मुद्दई चेतराम पुत्र श्री दर्शन उम्र 45 साल, ने थाना आकर बयान किया कि उसे जेमत साहब बहादुर की बोरियों की हिफाजत के लिए लगाया गया था। कल रात जब वह उन बोरियों पर सो रहा था तो एक शख्स आकर रजाई खींचने लगा। उसने रजाई नहीं छोड़ी। वह शख्स उस वक्त वहां से चला गया मगर बाद में अपने कुछ और आदमी लेकर आया। उन्होंने मारपीट की और रजाई और एक जूता छीनकर भाग गए।
2. चार आने की जेबतराशी
तारीख: 13 दिसंबर 1894, थाना सब्जी मंडी
मुकदमा संख्याः 125, IPC की धारा 379
नतीजा मुकदमा: मुल्जिम के एक आदतन अपराधी होने की वजह से उसे 2 साल की सख्त कैद की सजा सुनाई गई 19 दिसंबर 1894 को।
तुलसा वल्द सवा जाट ने शिकायत दर्ज कराई कि मुल्जिम हरवेंद्र वल्द हरवक्श उसकी जेब से चार आने निकाल रहा था। जिसे मुस्समी जीत ने रंगे हाथों पकड़ लिया।
3. बिस्तर चोरी
तारीख: 3 जनवरी 1878, थाना सब्जी मंडी
मुकदमा संख्या 2, IPC की धारा 380
सजा: 3 महीने का कठोर कारावास
मोहम्मद खान वल्द जुम्मा खान ने शिकायत दर्ज कराई कि पिछली रात शेरा, कालू और मोहम्मद खान उसके घर आए और कहने लगे कि वे आराम करना चाहते हैं। उसने उन्हें बिस्तर दे दिए और अपने घर में ही एक कमरे में सुला दिया। सुबह वे तीनों आदमी बिस्तरों समेत गायब मिले।
4. 11 संतरे चोरी
तारीख: 16 फरवरी 1891, थाना सब्जी मंडी
मुकदमा संख्या: 125, IPC को धारा 379
नतीजा मुकदमाः एक महीने की कैद
मुल्जिम रामबक्श वल्द अल्ला वक्श ने अपने साथियों के साथ मिलकर मुद्दई राम प्रसाद बल्द दीन सिंह के 11 संतरे चुरा लिए। मुदई ने छज्जू राम की मदद से मुल्जिम राम बक्श को संतरों के साथ पकड़ लिया और थाने में ले आया।
5. पेड़ की चोरी
तारीख: 1 अक्टूबर 1899, थाना अलीपुर
मुकदमा संख्या नंबर 1/45. IPC की धारा 379
नतीजा: 5 रुपये का जुर्माना
मुल्जिम टोरी वल्द सोंडू चौहान ने एक रुपये का पेड़ (कीकड़) सरकारी सड़क से काटकर अपने खेत में छिपा लिया। जिसे इकराम अली नंबरदार की निशानदेही पर बरामद किया गया।
6. पल्लड़ की चोरी
तारीख: 26 नवंबर 1895, थाना सब्जी मंडी
मुकदमा संख्या नंबर 137/5, IPC की धारा 379
सजा: एक साल की कैद या 3 महीने की कैद और 10 रुपये जुर्माना
हीरा वल्द रणजीत, तेलीवाड़ा में शाम 4 बजे खराद का काम कर रहा था। तभी मुल्जिम अब्दुल्ला वल्द हुसैनी मौका देखकर पास ही रखा दोहर गाड़ा (पल्लड़), कीमत 20 रुपये 4 आना उठाकर भागने लगा। जिसको हीरा ने 100 कदम की दूरी पर लोगों की मदद से पकड़ लिया और थाने में पेश किया।
7. खच्चर की चोरी
तारीख 30 अप्रैल 1895, थाना सब्जी मंडी
मुकदमा संख्या 44, IPC की धारा 381
मोका वल्द ननवा ने शिकायत दर्ज कराई कि उसका खच्चर चोरी हो गया है। उसने यह भी बताया कि उसका पूरा शक उसके पुराने नौकर फूला पर है।