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हादसों से बचाव के लिए लिफ्ट ऐक्ट में ये नियम होंगे
नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आए दिन हो रहे लिफ्ट हादसों को देखते हुए सरकार जल्द लिफ्ट ऐक्ट लागू करने की तैयारी कर रही है. नोएडा के विधायक पंकज सिंह द्वारा विधानसभा में उठाए गए इस मामले के जवाब में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि बहुमंजिला भवनों में लिफ्ट और एस्केलेटेर के संबंध में लिफ्ट और एस्केलेटेर अधिनियम जल्द लागू किया जाएगा.
यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान नोएडा विधायक पंकज सिंह ने कहा कि गौतमबुद्धनगर में बहुमंजिला आवासीय भवनों, वाणिज्यिक, संस्थागत भवनों और शॉपिंग कॉप्लेक्स की संख्या अत्याधिक है. जहां पर लिफ्ट और एस्केलेटेर की संख्या भी बढ़ी है. इनमें मानकों के अनदेखी के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं. इनमें अनेक लोगों की मौत भी हो चुकी है. इसके चलते वर्तमान में लिफ्ट और एस्केलेटेर ऐक्ट लागू करने की अत्याधिक आवश्यकता है. वह इस मामले को 21 जनवरी 2023 को लखनऊ में आयोजित मेरठ मंडल की समीक्षा बैठक में भी उठा चुके हैं.
जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने भी इस संबंध में सदन में सवाल लगाया था कि मेरे गृहजनपद में लिफ्ट से संबंधित घटनाएं बढ़ी हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में एक महिला की मौत भी लिफ्ट हादसे में हुई है. लिफ्ट ऐक्ट का मसौदा पीडब्लूडी के पास तैयार है, जिसे केबिनेट में अनुमोदन के पश्चात सदन में रखा जाना है.
दोनों विधायकों के सवाल पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने जवाब देते हुए कहा है कि सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी रेगुलेशन-20210 के प्रावधानों के तहत विद्युतीय अधिष्ठापनों को विद्युत सुरक्षा निदेशालय द्वारा निरीक्षण के उपरांत रिपोर्ट जारी की जाती है. नोएडा और गौतमबुद्धनगर जनपद में स्थापित विभिन्न लिफ्ट और एस्केलेटर्स के विद्युतीय अधिष्ठापनों का विद्युत सुरक्षा निदेशालय द्वारा निरीक्षण कर रिपोर्ट जारी की गई है. प्रदेश में बढ़ते शहरीकरण और ऊंची इमारतों के प्रसार से लिफ्ट का प्रयोग बढ़ा है. प्रदेश में बहुमंजिला भवनों में लिफ्ट और एस्केलेटेर के संबंध में लिफ्ट और एस्केलेटेर अधिनियम लागू किए जाने की कवायद चल रही है. इसे अगले सत्र में पेश किया जाएगा. इस जवाब के बाद तय है कि प्रदेश में शीघ्र ही लिफ्ट ऐक्ट लागू होगा.
प्राधिकरण ने वर्ष 2015 में भेजा था पहला प्रस्ताव नोएडा में दिल्ली-एनसीआर की सबसे ऊंची सेक्टर-94 स्थित सुपरनोवा बिल्डिंग बनी हुई है. ये बिल्डिंग 66 मंजिल की है, जबकि 20 से 25 मंजिला इमारतों की संख्या तीन सौ से भी अधिक है. ऐसे में अपने फ्लैट तक जाने के लिए लोग लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं. नागरिकों के बढ़ते दबाव के चलते लिफ्ट एक्ट को लागू करने के लिए नोएडा प्राधिकरण में वर्ष 2015 में फाइल तैयार की गई. इसे शासन को भेजा गया. इसके बाद वर्ष 2018 में संशोधन कर दोबारा फाइल को मंजूरी के लिए शासन को भेजा, लेकिन मंजूरी नहीं मिली.