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प्राधिकरण में मचा हड़कंप, सभी की होगी संपत्ति की जांच
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में देखते ही देखते जीएम से लेकर चपरासी तक कैसे अरबपति बन गए, इसकी जानकारी आरटीआई के जरिए मांगी गई है। टीकम सिंह का कहना है कि सभी विभागों में तैनात जीएम से लेकर चपरासी तक प्राधिकरण में नौकरी ज्वाइन करते समय कितनी प्राॅपटी होने का शपथ पत्र दिया था। टीकम सिंह की ओर से आरटीआई दायर करने के बाद से अथाॅरिटी में आय से अधिक प्राॅपटी अर्जित करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
टीकम सिंह की शिकायत पर हुआ एक्शन: वहीं, टीकम सिंह ने आय से अधिक प्राॅपटी अर्जित करने वाले कई इंजीनियरों की जांच की मांग एंटी करप्शन ब्यूरों से भी की है। जिनकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरों में की है, उनमें कई अधिकारी ऐसे है, जो दूसरे विभागों से ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी में कुछ समय के लिए डेप्यूटेशन पर तैनाती के लिए आए और अथाॅरिटी में ही जुगाड़ लगाकर मर्ज हो गए।
कई इंजीनियर रडार पर: मिली जानकारी के अनुसार इनमें कई इंजीनियर का बहुत की मजेदार ब्यौरा दिया है। जिसमें इंजीनियर जल, सीवर, डिविजन-1 और 7 में तैनात हैं। अपने मूल विभाग में भी प्रमोशन ले लिया और ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी में भी प्रमोशन ले लिया है। इस समय ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कई इंजीनियर रडार पर है।
सीबीआई और ईडी से भी जांच करवाई जाएगी: टीकम सिंह का कहना है कि पूरी जानकारी मिलने के बाद आय से अधिक प्राॅपटी अर्जित करने वाले अफसरों की सीबीआई और ईडी से जांच की मांग की जाएगी। उन्होंने बताया कि जीएम से लेकर चपरासी तक प्राॅपटी की जानकारी ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी से मांगी है। इनमें वह सभी अधिकारी शामिल है, जो ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी में तैनात रह चुके हैं और फिलहाल तबादला होकर अन्य अथाॅरिटी में चले गए है।
कर्मचारियों ने बनाई करोड़ों-अरबों की सम्पत्ति: उन्होंने बताया कि इनके अलावा उन अफसरों की प्राॅपटी की भी जानकारी शासन से मांगी है जो ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी में सन 1991 से लेकर अब तक तैनात रहे हैं। टीकम सिंह ने बताया कि ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी में तैनात सेकडों अधिकारी रातोंरात देखते ही देखते अवैध कमाई अर्जित कर अरबपति बन गए हैं। इनके पास कई-कई बैनामी कोठियां, काॅलेज, बिल्डर प्राॅजेक्ट में साझेदारी, जगह-जगह प्लाॅट, सैकड़ों एकड़ जमीन, फार्म हाउस खरीदे हुए हैं। यह सब प्राॅपटी कहा से अर्जित की है। जबकि, वेतन हर महीने गिना हुआ ही मिलता है।