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जिले में खिलाड़ियों के लिए एथलेटिक्स ट्रैक ही नहीं
नॉएडा: एशियाई खेलों में इस बार भारतीय खिलाड़ियों ने निशानेबाजी, एथलेटिक्स और तीरंदाजी में सबसे शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन इन तीनों खेलों के प्रशिक्षण की व्यवस्था जिले में सरकारी स्तर पर नहीं है. एथलेटिक्स के अभ्यास के लिए तो ट्रैक ही नहीं है. वहीं, निशानेबाजी और तीरंदाजी के अभ्यास के लिए प्रशिक्षुओं को महंगी फीस देनी पड़ रही है.
एशियाई खेलों में सात अक्टूबर तक एथलेटिक्स की अलग-अलग स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा 29 पदक जीते, जिसमें छह स्वर्ण शामिल है. वहीं जिले में एथलेटिक्स का एक भी ट्रैक नहीं है. नोएडा स्टेडियम में एथलेटिक्स ट्रैक बनाने की बात चल रही है, लेकिन दो महीने से इसपर कोई निर्णय नहीं हो पाया है. वहीं खेल विभाग के मलकपुर स्टेडियम में भी अब तक ट्रैक नहीं बन पाया है. यहां मिट्टी का ट्रैक बनाया जाना प्रस्तावित है. ऐसे में ट्रैक बन जाने के बाद भी खिलाड़ियों को इसका पूरा लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं सिंथेटिक ट्रैक पर होती हैं. जिले में ट्रैक न होने की स्थिति में यहां के एथलीट दिल्ली-मेरठ जाकर अभ्यास करते हैं.
निशानेबाजी के प्रशिक्षण के लिए पांच हजार प्रतिमाह नोएडा-ग्रेटर नोएडा में निशानेबाजी का प्रशिक्षण करना सभी के वश की बात नहीं है. काफी खर्च करने के बाद ही यहां प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है. नोएडा स्टेडियम में निशानेबाजी के लिए एकेडमी बनाई गई है, जिसका संचालन निजी एजेंसी करती है. यहां एक माह के लिए लगभग पांच हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं. वहीं शहर में अन्य एकेडमी भी है, जहां इससे थोड़ी कम राशि में प्रशिक्षण लिया जा सकता है. प्रतिभावान और जरूरतमंद खिलाड़ियों के लिए भी कहीं निशुल्क अभ्यास की सुविधा नहीं है.
एथलेटिक्स के अभ्यास के लिए नोएडा में कोई भी सुविधा नहीं है. स्पर्धाओं से जुड़े ज्यादातर खिलाड़ी जरूरतमंद होते हैं. ऐसे में इन स्पर्धाओं के प्रशिक्षण के लिए सरकार को काम करना चाहिए.
-अशोक सैनी, एथलेटिक्स प्रशिक्षक
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशानेबाजी में देश के खिलाड़ी लगातार बेहतर कर रहे हैं. ऐसे में नोएडा-ग्रेटर नोएडा स्तर पर एक इस खेल के लिए रियायत दरों पर प्रशिक्षण की सुविधा मिलनी चाहिए. -रामेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष, प्रदेश राइफल एसोसिएशन
सरकारी स्तर पर तीरंदाजी का भी प्रशिक्षण नहीं मिलता
सरकारी स्तर पर जिले में तीरंदाजी की भी व्यवस्था नहीं है. एशियाई खेल में तीसरा सबसे ज्यादा पदक इसी खेल में खिलाड़ियों ने देश को दिलाया है. नोएडा स्टेडियम में एकमात्र तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र है. यहां 20 से ज्यादा खिलाड़ी खेल का अभ्यास करते हैं. यहां की फीस 1750 है. प्रशिक्षण केंद्र के संचालक राहुल कुमार बताते हैं कि अगर हमें लगता है कि कोई खिलाड़ी जरूरतमंद है और फीस देने में असमर्थ है तो उसकी मदद करते हैं.
एथलेटिक्स ट्रैक का आधा काम हो चुका है. जल्द ही बचा हुआ काम होगा, लेकिन यहां सिंथेटिक ट्रैक नहीं होगा. निशानेबाजी और तीरंदाजी के प्रशिक्षण की सुविधा नहीं है.
-अनीता नागर, उप जिला क्रीड़ा अधिकारी