दिल्ली-एनसीआर

फिर शुरू होता था मदद के नाम पर लूटने का खेल

Admin4
22 Aug 2022 12:16 PM GMT
फिर शुरू होता था मदद के नाम पर लूटने का खेल
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

पकड़े गए आरोपियों की पहचान गया बिहार निवासी रवि कुमार भारती, पिंटू कुमार और सुभाष कुमार के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से पुलिस ने 1.28 लाख कैश, स्कूटी, बाइक, नौ एटीएम कार्ड, ठगी की रकम से खरीदे गए कुछ जेवरात, मोबाइल व ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ औजार बरामद किए हैं।

दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में एटीएम बूथ में 200 से ज्यादा ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले तीन बदमाशों को दक्षिण जिला की मैदानगढ़ी थाना पुलिस ने दबोच लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान गया बिहार निवासी रवि कुमार भारती, पिंटू कुमार और सुभाष कुमार के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से पुलिस ने 1.28 लाख कैश, स्कूटी, बाइक, नौ एटीएम कार्ड, ठगी की रकम से खरीदे गए कुछ जेवरात, मोबाइल व ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ औजार बरामद किए हैं। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जुटी है।

दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त बेनिता मेरी जैकर ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से दक्षिण दिल्ली में बदमाश एटीएम बूथ में ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। इन्हें पकड़ने के लिए टीम बनाकर छानबीन शुरू की गई। पुलिस चौकी संजय कालोनी प्रभारी इंस्पेक्टर मनीष चौधरी की टीम को शुक्रवार सूचना मिली कि ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले आरोपी अंबेडकर नगर इलाके में आने वाले हैं। खबर मिलने के बाद पुष्पा भवन के पास टीम को तैनात कर दिया गया। इस बीच एक बाइक व स्कूटी पर आरोपी वहां पहुंचे। पुलिस ने इन्हें दबोच लिया।

पुलिस ने उनके पास से कैश, मोबाइल व फेवीक्विक के 16 पैकेट मिले। इसके अलावा मशीन से एटीएम निकालने के लिए पेचकस व बाकी और भी सामान मिला। आरोपियों ने बताया कि इन लोगों ने मालवीय नगर, साकेत, हौजखास, अंबेडकर नगर, आया नगर, महिपालपुर, बिंदापुर, लाजपत नगर, नबी करीम के अलावा हरियाणा और पंजाब में 200 से अधिक वारदातों को अंजाम दिया है।

आरोपी ऐसे ठगी को देते थे अंजाम

आरोपी ग्रामीण और सुनसान जगह वाले स्थान पर लगे बिना गार्ड वाले एटीएम को निशाना बनाते थे। वे एटीएम में कार्ड लगाने वाली जगह पर फेवीक्विक डाल देते थे। जैसे ही कोई कैश निकालने आता था। कार्ड डालते ही उसका कार्ड वहां फंस जाता था। एटीएम बूथ में ही आरोपी एक सफेद रंग के कागज पर एक मोबाइल नंबर गार्ड का बताकर लगा देते थे। एटीएम बूथ में पहले से मौजूद शख्स कार्ड फंसने पर कागज देखकर गार्ड को कॉल करने के लिए कहता था। कॉल करते ही उनका साथी फोन उठाकर उनको गाइड करते हुए पिन नंबर डालकर कार्ड निकालने की बात करता था। ऐसा करने पर पहले से मौजूद अंदर वाला व्यक्ति पिन नंबर देख लेता था। कार्ड इसके बाद भी नहीं निकलता था। आरोपी कार्ड मशीन में ही छोड़कर जाने की बात करते थे। बाद में आरोपी पेचकस और प्लास की मदद से कार्ड निकालकर दूसरे एटीएम से कैश निकाल लेते थे।

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