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इंटरचेंज बनने का रास्ता साफ, यमुना प्राधिकरण और किसानों में बनी सहमति: भारतीय किसान यूनियन
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: इंटरचेंज से प्रभावित किसानों की बैठक भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के प्रदेश संगठन मंत्री बालकिशन नागर एवं बृजेश भाटी के नेतृत्व में हुई। यमुना प्राधिकरण के सभागार में इस बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह, एसीईओ मोनिका रानी, ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, डीजीएम एके सिंह, रणवीर सिंह और तहसीलदार समेत काफी वरिष्ठ अफसर मौजदू रहे।
क्या है किसानों की मांग: इस बैठक में संगठन के प्रदेश महासचिव कृष्ण नागर ने कहा कि इंटरचेंज से प्रभावित किसान पिछले लंबे समय से 3500 रुपए वर्ग मीटर की दर से मुआवजे की मांग कर रहे थे। काफी समय से किसान और प्राधिकरण के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी। किसानों के साथ मीटिंग में प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा कि प्राधिकरण किसानों की समस्याओं को लेकर प्रतिबद्ध है। इंटरचेंज से प्रभावित किसानों ने अपनी कई समस्याएं प्रस्तुत की हैं। जिसमें 3500 रुपए प्रति वर्ग मीटर की मांग को लेकर कोर्ट में पैरवी की मांग प्रमुख है।
7 प्रतिशत विकसित भूखंड की मांग: किसानों ने इंटरचेंज से प्रभावित किसानों की 7 प्रतिशत विकसित भूखंड भी जगनपुर अफजलपुर में ही लगाने की मांग की है। किसानों ने सीधे कैंप लगाकर अतिरिक्त मुआवजा वितरित करने की मांग की है। जिस पर प्राधिकरण ने सहमति दे दी है। जल्द ही फाइल तैयार कर किसानों को अतिरिक्त मुआवजा वितरित किया जाएगा।
ये किसान मौजूद रहे: किसान नेता विकास प्रधान ने कहा कि किसानों द्वारा आबादी एवं अतिरिक्त प्रति कर के लिए कोर्ट में विचाराधीन केसों को वापस लेने के लिए प्राधिकरण ने अपनी तरफ से पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया है। इस परियोजना से क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी एवं रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस मौके पर राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेश भाटी, मिश्री नागर, बालकिशन प्रधान, श्याम लाल देवेंद्र शर्मा, हरिओम शर्मा, बिजेन्द्र और रणवीर शर्मा सहित आदि लोग मौजूद रहे।