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राजधानी दिल्ली के सरकारी कार्यालयों, बाजारों व सार्वजनिक स्थलों में फहराया जाएगा तिरंगा
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मनाए जा रहे 'हर घर तिरंगा अभियान' के व्यापक स्तर पर आयोजन के लिये विशेष तैयारियां शुरू कर दी है। इस अभियान के सफल आयोजन के लिये सभी निगम जोन द्वारा योजना तैयार की जा रही है, जिसमें नागिरकों, आरडब्ल्यूए, मार्केट एसोसियशन की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। निगम के 12 जोन में ऐसे मुख्य सड़कों, बाजार, फ्लाईओवर, चौराहे, सरकारी भवन चिन्हित किए गए जिन पर 13 से 15 अगस्त तक भव्य सजावट और रोशनी की जाएगी। चौराहों का विशेषरूप सौंदर्यीकरण किया जाएगा और फूलों, तिरंगे और रोशनी से सजावट की जाएगी। इसके साथ ही 1000 से अधिक सरकारी कार्यालयों, बाजारों व सार्वजनिक स्थल पर तिरंगा फहराया जाएगा। सभी जोनल कार्यालयों व निगम भवनों पर विशेषरूप से ध्वजारोहण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त हर घर तिरंगा अभियान के सफल आयोजन व जनभागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न आरडब्ल्यूए और मार्केट एसोसियशन से संपर्क किया जा रहा है। क्षेत्र की आरडब्ल्यूए व मार्केट एसोसियशन भी निगम के इस अभियान में सहयोग देने के लिये तैयार है।
तिरंगा झंडे के निपटान के लिए जारी किये दिशा-निर्देश
तिरंगा ध्वज की शान में कोई कमी न आए, इसके लिए दिल्ली नगर निगम द्वारा महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं। निगम द्वारा झंडे के निपटान के लिए सभी जोनल कार्यालयों को निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय ध्वज कहीं भी धूल मिट्टी में, विकृत क्षतिग्रस्त टूटी हुई स्थिति में पाया जाता है, तो उसे संबंधित वार्ड या जोन के सेनेटरी निरीक्षक के माध्यम से कार्यालय जोनल कंट्रोल रूम में जमा करवाया जाएगा। उसके बाद विकृत क्षतिग्रस्त टूटे राष्ट्रीय ध्वज को भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निदेर्शों के अनुसार भारतीय ध्वज संहिता-2002, धारा-5 (दुरुपयोग) के तहत निपटाया जाएगा। राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 (संशोधित के रूप में) के तहत इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और उचित कार्रवाई की जायेगी। निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी जोनल कार्यालयों को निर्देश दे दिए गए हैं कि जब ध्वज क्षतिग्रस्त स्थिति में हो, तो उसे एक तरफ नहीं फेंका जाएगा बल्कि ध्वज की गरिमा के अनुरूप ध्वज संहिता में निहित नियम के अनुसार निस्तारित किया जायेगा।