दिल्ली-एनसीआर

UP लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रही एसआईटी को सुप्रीम कोर्ट ने क‍िया भंग, कहा - ...अब इसकी कोई जरूरत नहीं

SANTOSI TANDI
21 Sep 2023 12:57 PM GMT
UP लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रही एसआईटी को सुप्रीम कोर्ट ने क‍िया भंग, कहा - ...अब इसकी कोई जरूरत नहीं
x
सुप्रीम कोर्ट ने क‍िया भंग, कहा - ...अब इसकी कोई जरूरत नहीं
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले की तफ्तीश कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) को सोमवार को भंग कर दिया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि एसआईटी ने जांच पूरी कर ली है और निचली अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है। लिहाजा अब इसकी कोई जरूरत नहीं है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि अगर एसआईटी के पुनर्गठन की जरूरत महसूस होती है तो इस संबंध में बाद में आदेश पारित किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने एसआईटी की जांच की निगरानी के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया था। उन्हें मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से की जा रही जांच पर नजर रखनी थी। यह मामला तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा की घटना से जुड़ा है, जिसमें लखीमपुर-खीरी जिले के तिकुनिया में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।
डिप्टी सीएम के विरोध के दौरान हुई थी वारदात
भारतीय पुलिस सेवा के तीन सीनियर अफसर एसबी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान इस एसआईटी का हिस्सा थे। सर्वोच्च अदालत ने गत 11 जुलाई को मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत की अवधि 26 सितंबर तक बढ़ा दी थी। आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा है। तिकुनिया में हिंसा उस समय भड़क गई थी, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। चार किसानों को एक एसयूवी से रौंद दिया गया था। इस हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था।
इस मामले के बाद किसान संगठन योगी सरकार पर भड़क गए थे। सरकार का तीखा विरोध उनकी तरफ से किया गया था। उनके दबाव में आशीष मिश्रा को यूपी पुलिस ने अरेस्ट किया था। हालांकि बाद में उसे जमानत दे दी गई। लेकिन बवाल बढ़ा तो फिर से जमानत रद्द करनी पड़ गई। फिर ये केस सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस को एसआईटी की जांच की निगरानी करने के लिए कहा था।
Next Story