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चार भारतीय नृत्यांगनाओं की कहानी कमानी में शास्त्रीय नृत्य से मंच पर हुई जीवंत

Admin Delhi 1
20 Jun 2022 5:59 AM GMT
चार भारतीय नृत्यांगनाओं की कहानी कमानी में शास्त्रीय नृत्य से मंच पर हुई जीवंत
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दिल्ली न्यूज़: 7वीं से लेकर 20वीं शताब्दी तक भारत में 4 महान नृत्य कलाकार हुईं जिन्होंने उस समय के समाज की जंजीरों, स्त्री विरोधी परंपराओं, रूढिय़ों को तोड़ते हुए अपने साहस और कला से एक नया इतिहास लिखा। कमानी सभागार में रविवार को इन चारो नृत्यांगनाओं की कहानी को नृत्य वीरांगना कार्यक्रम के जरिए श्री कामाख्या कलापीठ व संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत किया गया।

श्रीकामाख्या कलापीठ और संस्कृति मंत्रालय ने आयोजित किया नृत्य-वीरांगना कार्यक्रम: कार्यक्रम की शुरूआत में केरल के राज्यपाल और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरिफ मो. खान, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संस्कृति मंत्रालय सचिव गोविंद मोहन व विनय सहस्त्रबुद्धे ने द्वीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। 600 लोगों से खचाखच भरे कमानी सभागार में पहली प्रस्तुति तेलगू कवियित्री, नर्तिका तंजावुर में जन्मी मुथुपलानी पर हुई। एक बार जब उनके सपने में श्रीकृष्ण आए और उन्होंने कहा उठो, मुथुपलानी मेरी कहानी लिखो, जिसके बाद कवियित्री ने राधिका सांत्वनम लिखा।

मुथुपलानी के राधिका सांत्वनम के लिए कचिपुड़ी में वनश्रीराव व टीम ने दी प्रस्तुति: मुथुपलानी के राधिका सांत्वनम पर कमानी में वनश्रीराव और टीम ने कचिपुड़ी में नृत्य प्रस्तुति दी। जिसपर दर्शकों ने तालियों की गडग़ड़ाहट से कलाकारों की भाव भंगिमाओं और मंच पर उनकी कदमताल को सराहा। दूसरी प्रस्तुति 18वीं सदी की महान नर्तिका केरल के नंबूदरी परिवार में जन्मीं कुरियेदाथ थात्री पर दी गई। दूसरी प्रस्तुति में नीना प्रसाद ने मोहिनीअट्टम के जरिए दर्शकों का मन मोहा।

मोहिनीअट्टम, कथक और भरतनाट्यम में मंच पर थिरके पैर: कार्यक्रम की सूत्रधार डॉ. सोनल मानसिंह ने कहा कि थात्री नंबूदरी ने अपनी कविता, नृत्य, स्वच्छंद उड़ान के जरिए समाज की रूढिय़ां तोड़ी। एक समय थात्री पर 6 महीने का ट्रायल चला जिसमें उन्होंने 64 ब्राह्मण पुरुषों की पहचान की। थात्री ने समाज को चैलेंज किया कि पुरुष ही सबकुछ करने का अधिकारी क्यूं है। स्त्रियां क्यूं नहीं। कार्यक्रम में रुकमणि देवी पर पीटी नरेंद्रन और मैडम मेनका पर वस्वती मिश्रा ने क्रमश: भरतनाट्यम व कथक की प्रस्तुति दी।

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