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हाथ में तिरंगा थामे ढाई साल की बच्ची का जजबा

Admin Delhi 1
15 Aug 2023 6:01 AM GMT
हाथ में तिरंगा थामे ढाई साल की बच्ची का जजबा
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दिल्‍ली: जबलपुर में एक अनोखी तिरंगा यात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ों तैराकों ने हाथ में तिरंगा लेकर नर्मदा नदी में लगभग 10 किलोमीटर की दूरी तय की। यात्रा में एक ढाई साल की बच्ची ने भी भाग लिया।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर में 14 अगस्त को नर्मदा नदी में तिरंगा यात्रा निकली गई। यात्रा का आकषर्ण का केंद्र एक ढाई साल की बच्ची रही जिसने करीब तीन सौ लोगों के साथ तैरते हुए तिरंगा यात्रा में भाग लिया। हर साल 15 अगस्त के एक दिन पहले यहां तिरंगा यात्रा निकाली जाती है। इसमें सैकड़ों लोग शामिल होते हैं। इस बार भी 10 किलोमीटर की इस यात्रा में बड़े, बुजुर्ग और बच्चे सभी शामिल थे। करीब तीन सौ लोगों ने 10 किलोमीटर की दूरी चार घंटे में तैरकर तय की। ढाई साल की बच्ची ओजस्विनी ने भी सभी के साथ यह दूरी तय की।

बताया जाता है कि सोमवार की सुबह जबलपुर (Jabalpur) के गोरी घाट पर हाथों में तिरंगा थामे सैकड़ों लोग नर्मदा की उफनाती लहरों में उतरे। इन लोगों ने गौरी घाट से तिलवारा घाट तक 11 किलोमीटर की यात्रा की। हर साल की तरह इस बार भी स्वतंत्रता दिवस के पहले नित्य तैराकी मंडल की ओर से नर्मदा में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। इसमें तैराकों के साथ शहर के आम नागरिक भी शामिल हुए। तिरंगा यात्रा सुबह 7 बजे शुरू हुई जो 10 बजे तिलवारा घाट में जाकर संपन्न हुई।

इस यात्रा में 5 साल से 75 साल तक के नागरिक शामिल होते हैं। इस बार खास बात यह रही कि ढाई साल की बच्ची भी तिरंगा यात्रा (Tiranga Yatra) में शामिल हुई। ओजस्विनी के पिता विनोद मोठा ने कहा कि नर्मदा तिरंगा यात्रा में वह कई वर्षों से शामिल हो रहे हैं। पिछले एक साल से उनकी ढाई साल की बेटी ओजस्विनी भी शामिल हो रही हैं। साल 2022 में जब ओजस्विनी केवल डेढ़ साल की थी, तब उसने नर्मदा यात्रा में भाग लिया था। ओजस्विनी के पिता ही उसके गुरु हैं। वह दोनों बेटियों को तैरना सीखा रहें है।

बताया जाता है कि ओजस्विनी जब नर्मदा (Narmada) में तैर रही थी तब सुरक्षा के लिहाज से आसपास लोगों ने उसे घेरा रखा था। पिता के अनुसार, ओजस्विनी जब छह माह की थी तभी से उसे नर्मदा नदी में तैरने के लिए छोड़ दिया था। महज ढ़ाई साल की उम्र में ओजस्विनी कुशल तैराक बन गई है। भले ही कितना भी गहरा पानी क्यों ना हो या फिर कितना भी तेज बहाव क्यों ना हो। वह बहुत ही सरलता से तैरती है। पिता अब 13 सौ किलोमीटर तक तैराकी की तैयारी करा रहे हैं जो एक विश्व रिकॉर्ड होगा।

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