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अमोनिया की मात्रा बढ़ने की समस्या भी हुई दूर, वजीराबाद बैराज में जलस्तर सामान्य

Admin4
2 Aug 2022 9:50 AM GMT
अमोनिया की मात्रा बढ़ने की समस्या भी हुई दूर, वजीराबाद बैराज में जलस्तर सामान्य
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न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला

जल बोर्ड के मुताबिक यमुना नदी में अब गादयुक्त पानी आ रहा है। इस पानी को साफ करने में दिक्कत आनी शुरू हो गई है। दरअसल पानी में अधिक गाद होने पर संयंत्र उसे पूरी तरह साफ नहीं कर पाते हैं। इस कारण पानी की गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका हो गई है।

उत्तर भारत में मानसून के रंग में आने पर दिल्ली व हरियाणा के बीच यमुना नदी में पानी कम छोड़ने का विवाद खत्म हो गया है। दरअसल यमुना नदी में पानी की मात्रा बढ़ गई है और वजीराबाद बैराज में भी जलस्तर सामान्य हो गया है। इसके अलावा यमुना नदी के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने की भी परेशानी दूर हो गई है, मगर अब यमुना नदी के पानी में गाद की मात्रा बढ़ गई, इस पानी को दिल्ली जल बोर्ड के जल शोधक संयंत्रों को साफ करने में दिक्कत आनी शुरू हो गई है। हालांकि जल बोर्ड के संयंत्र पूरी क्षमता से चल रहे है।

दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार एक सप्ताह से हरियाणा से यमुना नदी में पर्याप्त पानी आना शुरू हो गया है। इस कारण वजीराबाद बैराज में सामान्य जलस्तर 674.5 फीट हो गया है, जबकि हरियाणा से पानी कम आने के कारण बैराज में जलस्तर आठ फीट तक गिर गया था। इसके अलावा अब नदी के पानी में अमोनिया की मात्रा भी सामान्य से कम है, जबकि हरियाणा से कम पानी आने के दौरान उसमें अमोनिया की मात्रा बढ़ गई थी।

जल बोर्ड के मुताबिक यमुना नदी में अब गादयुक्त पानी आ रहा है। इस पानी को साफ करने में दिक्कत आनी शुरू हो गई है। दरअसल पानी में अधिक गाद होने पर संयंत्र उसे पूरी तरह साफ नहीं कर पाते हैं। इस कारण पानी की गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका हो गई है। बोर्ड के अनुसार यह समस्या प्रतिवर्ष पैदा होती है। हालांकि इस समस्या को दूर करने के लिए पानी में कलोरीन की मात्रा बढ़ा दी जाती है। हालांकि अभी जल बोर्ड के संयंत्र पूरी क्षमता से चल रहे है।

करीब ढाई माह तक वजीराबाद बैराज में जलस्तर कम रहा

उत्तर भारत में गर्मी के चरम पर होने के दौरान गत 12 मई से हरियाणा ने यमुना नदी में पानी कम छोड़ना शुरू कर दिया था। इस कारण वजीराबाद बैराज में जलस्तर कम हो गया था, जिसका दिल्ली जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधक संयंत्र पूरी क्षमता से चलने बंद हो गए थे और करीब ढाई माह तक इन संयंत्रों से पेयजल आपूर्ति प्रभावित रही। हालांकि हरियाणा ने नदी में पानी छोड़ने में कटौती करने के दिल्ली सरकार के आरोप को बेबुनियाद करार दिया था। इस कारण दिल्ली व हरियाणा सरकार के बीच पानी के विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया था और करीब दो माह तक वजीराबाद बैराज में जलस्तर कम होने विवाद चला था।


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