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स्मार्ट सिटी में घर-घर कूड़ा उठाने की योजना पांच साल बाद भी साकार नहीं हो सकी
एनसीआर फरीदाबाद न्यूज़: स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में 14 दिसंबर 2017 को शुरू हुई घर-घर से कूड़ा उठाने की योजना पांच साल बाद भी सभी घरों को उपलब्ध नहीं हो सकी है. कूड़ा उठाने वाली इकोग्रीन कंपनी के रिकॉर्ड के मुताबिक करीब 3.10 लाख यूनिट से ही घर-घर से कूड़ा उठाया जा रहा है, जबकि नगर निगम के नए सर्वे रिकॉर्ड के मुताबिक शहर में करीब 5.71 लाख यूनिट हैं. ऐसे में करीब 55 फीसदी यूनिट तक ये सुविधा नहीं पहुंच सकी है. इनमें भी कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां कूड़ा उठाने वाली गाड़ी प्रतिदिन नहीं पहुंचती है, जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण में कूड़ा निस्तारण बड़ा कारक है. इसके लिए 2500 अंक सर्वेक्षण में तय किए गए हैं. लेकिन ये अंक तभी मिलते हैं जब सौ फीसदी घरों से कूड़ा उठाया जा रहा हो. वैसे भी नगर निगम शहर को साफ सुथरा रखने में विफल हो रहा है. ऐसे में चलते एक बार फिर स्वच्छता रैंकिग में रैंकिंग गिरने की आशंका है.
प्रतिवर्ष 30 करोड़ से अधिक हो रहा खर्च नगर निगम कूड़ा उठाने वाली एजेंसी को प्रतिवर्ष 30 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जाता है, जबकि घरों से कूड़ा उठाने के एवज में लोगों से कूड़ा शुल्क वसूला जाता है. यह शुल्क स्लम इलाके में 20 रुपये, अन्य रिहायशी इलाके में 30 से 50 रुपये, एक हजार वर्ग से बड़ी कोठियों में 1000 रुपये, वाणिज्यिक संस्थानों से 100 से 500 रुपये, औद्योगिक इकाइयों से 100 से 1000 रुपये प्रतिमाह है.
200 टन कूड़ा ही शहर में होता है निस्तारित शहर में करीब 210 संस्थान ही अपना गीला कूड़ा निस्तारित करते हैं. करीब 200 टन कूड़ा प्रतिदिन निस्तारित होता है, जबकि करीब 900 टन कूड़ा शहर से प्रतिदिन बंधवाड़ी में निस्तारण के लिए पहुंचाया जाता है. इनमें एनआईटी इलाके से करीब 350 टन, पुराना फरीदाबाद से 300 और बल्लभगढ़ से करीब 250 टन कूड़ा रोज निकलता है, जिसे पांच एकत्रीकरण केंद्रों के माध्यम से बंधवाड़ी भेजा जाता है.