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हाउसिंग सोसायटी के लोगो ने बिल्डर के खिलाफ फिर की नारेबाजी, अफसरों से भी पुछा सवाल

Admin Delhi 1
26 Jun 2022 10:09 AM GMT
हाउसिंग सोसायटी के लोगो ने बिल्डर के खिलाफ फिर की नारेबाजी, अफसरों से भी पुछा सवाल
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एनसीआर नॉएडा न्यूज़: अजनारा हाउसिंग सोसायटी के निवासी बिल्डर के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को एक बार फिर अजनारा होम्स और अजनारा ली गार्डन हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने एक मूर्ति गोल चक्कर पर बिल्डर के खिलाफ नारेबाजी की। आज के प्रदर्शन में निवासियों के हाथ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो है। निवासियों ने अजनारा बिल्डर के खिलाफ बुलडोजर चलाने की मांग की है।

यूपी रेरा, अफसरों और राजनेताओं के खिलाफ नारेबाजी: अजनारा होम्स हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने बताया कि यूपी रेरा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, जिला प्रशासन और राजनेताओं की अनदेखी के कारण आज वह सड़क पर हैं। निवासियों ने इन सभी के खिलाफ नारेबाजी की। अजनारा ली गार्डन हाउसिंग सोसायटी में पिछले 85 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन चल रहा है, उसके बावजूद भी सभी अधिकारी और जनप्रतिनिधि गहरी नींद में सो रहे हैं। निवासियों ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।

अंतिम सास तक चलेगा प्रदर्शन: अजनारा होम्स हाउसिंग सोसायटी के निवासियों का कहना है कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनको इंसाफ नहीं मिलेगा। लोगों ने अधिकारियों से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिरकार बिल्डर की माफिया गिरी पर कब बुलडोजर चलेगा? प्रशासन की नाक के नीचे से बिल्डर ने करोड़ों रुपए लूट लिए हैं, इसका हिसाब जिला प्रशासन कब लेगा?

लेकिन अभी भी दर-दर की ठोकरें खा रहे: अजनारा ले गार्डन हाउसिंग सोसायटी के निवासी मुकेश गुप्ता ने बताया कि हैरानी की बात यह है कि राजधानी के पास उत्तर प्रदेश के 100 विंडो कहीं जाने वाले गौतमबुद्ध नगर का यह हाल है। सत्ताधारी पार्टी के वोटर महीनों से न्याय की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन वह अभी भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। काफी बार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से न्याय की गुहार लगाई गई है, लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगती है।

अधिकारियों से पूछे ये सवाल: निवासियों ने अधिकारियों से सवाल पूछते हुए कहा, "आखिरकार आपका और बिल्डर का रिश्ता क्या है? बिल्डर के साथ आपका यह रिश्ता कहलाता क्या है? रेरा जैसी संस्था बनाने का मतलब क्या है? जो बिना दांत का हाथी साबित हो रहा है। जिन अधिकारियों ने ओसी या अप्रूवल दिया बिना स्थलीय जांच के उनकी जिम्मेदारी कौन तय करेगा? मेंटेनेंस के नाम पर हर महीने हमारी जेब काटने वालों का हिसाब कौन करेगा?

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