दिल्ली-एनसीआर

एयरफोर्स और नेवी अफसरों का एकाधिकार नोएडा की जलवायु विहार सोसायटीज में हुआ खत्म

Admin Delhi 1
8 Jun 2022 2:07 PM GMT
एयरफोर्स और नेवी अफसरों का एकाधिकार नोएडा की जलवायु विहार सोसायटीज में हुआ खत्म
x

दिल्ली एनसीआर न्यूज़: नोएडा की जलवायु विहार हाउसिंग सोसाइटीज में वायु सेना और नेवल अफसरों का एकाधिकार हाउसिंग कमिश्नर ने खत्म कर दिया है। अभी तक इन हाउसिंग सोसाइटीज में मेंबरशिप लेने, चुनाव लड़ने और वोटिंग देने का हक केवल एयरफोर्स और नेवी से ताल्लुक रखने वाले अफसरों को ही दिया गया था। इसके खिलाफ हाउसिंग सोसाइटीज के दूसरे निवासी लंबे अरसे से आवाज उठा रहे थे। करीब दो दशक बाद इन लोगों को यह अधिकार मिला है। इससे दोनों हाउसिंग सोसाइटीज में लोग बेहद खुश हैं। बुधवार को आदेश आने के बाद निवासियों ने बैठक की और एक-दूसरे को खूब बधाइयां दीं। नोएडा के सेक्टर-21 और सेक्टर-25 में जलवायु विहार हाउसिंग सोसाइटीज हैं। उत्तर प्रदेश हाउसिंग कमिश्नर के कार्यालय में पंजीकृत इन सोसाइटीज के बाइलॉज में कुछ नियम थे। जिनके मुताबिक केवल एयर फोर्स और नेवी के अफसर इन सोसाइटी के सदस्य बन सकते थे। इन्हीं लोगों को चुनाव लड़ने और वोट देने का अधिकार दिया गया था। दूसरी ओर इन हाउसिंग सोसाइटीज में लगातार दूसरे निवासियों की संख्या बढ़ती चली गई। फिलहाल 3,700 परिवारों में से करीब 2000 ऐसे परिवार हैं, जो वायु सेना या नेवी से ताल्लुक नहीं रखते हैं। बड़ी बात यह है कि आर्मी से ताल्लुक रखने वाले निवासियों को भी इन सोसाइटी का मेंबर नहीं बनाया गया।

इस व्यवस्था के खिलाफ सोसायटी वासियों ने तमाम शिकायत कीं। कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद हाउसिंग कमिश्नर के यहां एक मुकदमा डाला गया। जिस पर अब 2 जून को फैसला आया है। हाउसिंग कमिश्नर ने सोसाइटी के बायलॉज को गलत माना है। बायलॉज में सुधार करने का आदेश दिया है। सोसायटी के सभी मकान मालिकों को मेंबर घोषित किया गया है। लिहाजा, आने वाले चुनाव में सारे मकान मालिक वोट डाल सकेंगे। उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार भी मिलेगा। मंजुल थपलियाल जलवायु विहार सोसायटी में 1994 से निवासी और मकान मालिक हैं। वह कई वर्षों से अपना वोटिंग राइट मांग रहे थे। जब हाउसिंग सोसायटी के प्रबंधन ने सुनवाई नहीं की तो उन्होंने अपने जैसे निवासियों की एक टीम बनाई। यह टीम हाईकोर्ट, नोएडा प्राधिकरण और निबन्धक के यहां कानूनी लड़ाई लड़ रही थी। उनके पिता कर्नल केएन थपलियाल सोसायटी के वास्तविक आवंटी हैं। एनटीपीसी और भेल में काम करने वाले उच्चपदस्थ लोग और सामान्य नागरिकों को इस सोसायटी का सदस्य बनने और वोट देने का अधिकार नहीं था। जबकि आज इनकी संख्या 60% है।

मंजुल थपलियाल ने कहा, "मैं जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से मिले भरपूर सहयोग की हार्दिक सराहना करता हूं। अब 2 जून 2022 को हाउसिंग कमिश्नर ने अधिनियम के सेक्शन 14(1) के तहत ऑर्डर किया है। हम इससे संतुष्ट हैं। जिसमें केवल एयरफोर्स और नेवी के अफसरों को ही वोटिंग वाले अधिकार को निरस्त किया है। अब सब मकान मालिकों को मतदान का समान अधिकार दिया गया है।" मंजुल ने आगे कहा, "इस संघर्ष में प्रमोद गुप्ता, आरके नय्यर, कर्नल लाल चंदानी, मनीष सक्सेना, उमेश कुमार, उमेश बत्रा, मेजर चैहान, राजीव गोकलानी, बिपिन और अन्य कई लोगों ने 'वोटिंग राइट्स टीम' के साथियों का भरपूर सहयोग किया है। हम सब जलवायु विहार सेक्टर-21 और सेक्टर-25 को बेहतर ढंग से संचालित करने में अपना योगदान और सहयोग देंगे।"

Next Story