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पुलिस के हत्थे चढी एक्सटॉर्शन गैंग की सरगना, ऐसे करती है ब्लैकमेल

HARRY
21 Jun 2022 1:39 PM GMT
पुलिस के हत्थे चढी एक्सटॉर्शन गैंग की सरगना, ऐसे करती है ब्लैकमेल
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे एक्सटॉर्शन गैंग की सरगना को गिरफ्तार किया है जो कि लोगों को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर उन्हें ब्लैकमेल किया करती थी. ये ब्लैकमेलर पिछले दो साल से फरार चल रही थी. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच नें जोहरी जबीं नाम की महिला को भोपाल से गिरफ्तार किया है.

दरअसल 03 नवंबर 2018 को दिल्ली पुलिस को एक मशहूर डाक्टर ने शिकायत दी थी कि उसे परवीन नाम की एक महिला ने घर पर इलाज के बहाने बुलाया था. डॉक्टर ने यह भी आरोप लगाया कि महिला ने पहले इलाज के लिए उसके क्लिनिक का दौरा किया और कहा कि वह मक्का, सऊदी अरब की निवासी है और दिल्ली में अकेली रहती है. डॉक्टर ने आरोप लगाया कि महिला ने एक दिन उन्हें फोन किया और कहा कि उसकी तबीयत बहुत खराब है और उन्हें अपने घर पर बुलाया.
घर पर बुलाकर डॉक्टर को कोल्ड ड्रिंक का नशा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. वहां पहले से मौजूद उसके साथियों ने महिला के साथ डॉक्टर का वीडियो बनाया और उसके बाद 50 लाख रुपये की रंगदारी की मांग करने लगे. डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने जामिया नगर थाने में केस दर्ज किया. पुलिस की कई टीमें लगातार इस ब्लैकमेलर महिला की तलाश में जुटी थीं.
जांच के दौरान ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने महिला के दो साथियों असलम और महेंदर को 12 अप्रैल 2019 को गिरफ्तार कर लिया था. जबकि आरोपी महिला जोहरी जबीं अपना नाम पता और हुलिया बदलकर पुलिस से बच रही थी. इसी दौरान 16 जून को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को खबर मिली कि जोहरी भोपाल में छिपकर रह रही है. जिसके बाद पुलिस की टीमों ने छापोमारी करके जोहरी जबीं को फाइन इन्कलेव भोपाल से गिऱफ्तार कर लिया.
आरोपी से पूछताछ करने पर उसने जौहरी जबी के रूप में अपनी पहचान बताई और कहा कि जहांगीर उर्फ ​शेखू गिरोह का सरगना उसका चचेरा भाई है. महिला ने खुलासा किया कि इस गैंग ने हनी ट्रैपिंग के लिए जाकिर नगर में उसके लिए किराए का मकान लिया था. दोनों के अलावा गिरोह में दो अन्य सदस्य भी थे जिनका नाम महेंद्र और नूर मझर उर्फ ​​असलम था. वह सरगना के इशारे पर इलाके के अमीर लोगों को फंसाती थी, जबकि महेंद्र छिप-छिप कर वीडियो बनाता था. नूर मजहर उर्फ असलम उन लोगों को वीडियो भेजकर जबरन वसूली के लिए कॉल करता था. इस तरह गैंग ने डॉक्टर, बेकरी मालिकों, बिल्डरों, व्यवसायियों आदि सहित क्षेत्र के 8-10 लोगों को फंसा लिया और ब्लैकमेलिंग की.
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