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दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा की दूरी अब और होगी कम, जुड़ेंगे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेस वे

दिल्ली एनसीआर न्यूज़: दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से यमुना एक्सप्रेस वे की दूरी बहुत जल्द समाप्त होगी। एक दूसरे के ऊपर से गुजरने के बावजूद वाहनों चालकों को एक एक्सप्रेस वे से दूसरे पर जाने के लिए करीब पंद्रह किलोमीटर दूरी तय करनी होती है। दोनों एक्सप्रेस वे को जोडऩे के लिए अगले माह से इंटरचेंज का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है। किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा वितरण करने पर सहमति बन चुकी है।
यमुना एक्सप्रेस वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे जगनपुर अफजलपुर गांव के नजदीक एक दूसरे को क्रास करते हुए गुजरते हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को पश्चिमी उत्तर प्रदेश व हरियाणा से सीधे कनेक्टिविटी देने के लिए दोनों एक्सप्रेस वे को इंटरचेंज बनाकर जोडऩे की योजना तैयार की गई थी। चार क्लोवर लीफ और आठ रैंप के निर्माण पर 75 करोड़ रुपए खर्च होने का आकलन किया गया था। निर्माण की जिम्मेदारी 2019 में दिल्ली की देव एस कंपनी को सौंपी गई थी। इस पर आने वाली लागत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को वहन करनी है। डेढ़ साल में इंटरचेंज का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन किसानों के विरोध के कारण इंटरचेंज का मामला अधर में लटक गया। दरअसल इंटरचेंज 54 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। इससे प्रभावित किसानों ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से प्रभावित किसानों के बराबर मुआवजा व 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर निर्माण कार्य शुरू नहीं होने दिया।
करीब तीन सौ किसानों को बांटा जाएगा मुआवजा: अतिरिक्त मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्राधिकरण ने इसे किसानों को बांटने पर सहमति दे दी है। करीब तीन सौ किसानों को मुआवजा बांटा जाएगा। इसके एवज में किसान इंटरचेंज का निर्माण कार्य शुरू होने पर राजी हो गए हैं। ईस्टर्न परिफेरल एक्सप्रेस वे के बराबर मुआवजे की मांग का मामला न्यायालय से हल होने के बाद उसके अनुसार कार्रवाई होगी। यमुना एक्सप्रेस वे की सर्विस रोड को भी इंटरचेंज से जोड़ा जाएगा। इससे प्राधिकरण के सेक्टरों की भी दोनों एक्सप्रेस वे से सीधे कनेक्टिविटी हो जाएगी।
समय और ईंधन की होगी बचत: दोनों एक्सप्रेस वे के जुडऩे से वाहन चालकों को काफी फायदा होगा। उन्हें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे सिरसा गांव के नजदीक उतरकर कासना, ग्रेटर नोएडा होते हुए यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट पर आने जाने की समस्या का सामना नहीं करना होगा। समय और ईंधन की बचत होगी। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि अगले माह से इंटरचेंज का निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है।