दिल्ली-एनसीआर

लाइन से बेड पर पड़ी थीं तीन बच्चों की लाशें, दूसरे कमरे में फंदे से लटका था बाप का शव

Tara Tandi
3 Sep 2023 9:26 AM GMT
लाइन से बेड पर पड़ी थीं तीन बच्चों की लाशें, दूसरे कमरे में फंदे से लटका था बाप का शव
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नूंह के गांगोली गांव में शनिवार सुबह एक युवक और तीन बच्चों के शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। जीत सिंह उर्फ बंटा (34) का शव फंदे पर लटका मिला वहीं सभी बच्चे बिस्तर पर मृत पड़े थे। घटना के बाद से जीत सिंह की पत्नी मीना गायब है। परिवार के लोगों का आरोप है कि महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति व बच्चों की हत्या की है।
जैसे ही सुबह गांगोली गांव की इस घटना के बारे में ग्रामीणों व आसपास के गांवों के लोगों को पता चला तो सब अपना काम छोड़कर मृतक जीत सिंह के घर की तरफ दौड़ पड़े। वहां का मंजर देखकर हर किसी के पैरों तले से जमीन खिसक गई। घटना के गांव के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया। काफी घरों में चूल्हे तक नहीं जले।
यह क्षेत्र में बहुत बड़ी घटना है। जिसमें एक साथ चार मौतें हुई है। तीन मासूम जहां लाइन से एक बेड पर मृतक पड़े हुए थे, वहीं उनके मुंह से झाग निकल रहे थे। जिससे लग रहा था कि इन्हें पहले जहर दिया गया है। बड़े बेटे खिलाड़ी के गले पर काफी गहरा निशान बना हुआ था, जिसे देखकर लग रहा था कि इसकी रस्सी और कपड़े से गला दबाकर हत्या की गई है।
दोनों भाइयों के बीच में 10 साल की राधिका की नाक से खून बह रहा था और प्रियांशु के चेहरे पर भी निशान थे। मृतक पिता जीत सिंह भी दूसरे कमरे में पंखे पर फंदे से लटका हुआ था। बाहर के मुख्य गेट की कुंडी नहीं लगी हुई थी। वही अंदर के दोनों कमरों के गेट खुले हुए थे। सब देखकर बुजुर्ग मां-बाप जहां पूरी तरह से होश खो बैठे वहीं अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था।
हर कोई मृतक जीत सिंह की पत्नी मीना के बारे में बातचीत कर रहा था। लोगों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी पुलिस की टीम थाना प्रभारी नरेश कुमार के साथ मौके पर पहुंची इसके बाद यहां जांच के लिए फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। मृतक जीत सिंह तीन भाई हैं। जिनमें वह सबसे छोटा था। मृतक का पिता डालचंद सड़क लोक निर्माण विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी हैं।
चौहरे हत्याकांड में कई एंगलों से जांच कर रही है पुलिस
गांगोली गांव में हुए चौहरे हत्याकांड को लेकर पुलिस कई एंगलों से जांच में जुट गई है। पुलिस ने भले ही मृतक के परिजनों की शिकायत पर मृतक जीत सिंह की पत्नी मीना व उसके कथित प्रेमी रोहित सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस इस मामले में जल्द ही तह तक पहुंच जाएगी।
इसके लिए पुलिस पड़ोसी के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने के साथ-साथ आरोपी महिला की कॉल लोकेशन भी निकलवा रही है। इसके अलावा पुलिस मृतक जीत सिंह व उसकी पत्नी में आए दिन होने वाले झगड़ों के कारण भी देख रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से पत्नी के चरित्र को लेकर झगड़े हो रहे थे और पत्नी कई-कई दिन तक घर से बाहर रहती थी।
इससे जीत सिंह भी डिप्रेशन में हो सकता है जिसके चलते पहले उसने अपने बच्चों को मौत के घाट उतारकर खुद आत्महत्या की हो। क्योंकि जिस तरह से घर के दरवाजे खुले हुए हैं और कोई समांतर नहीं है उसे देखकर भी प्रथम दृष्टा में जीत सिंह द्वारा भी बच्चों की हत्या व फिर आत्महत्या करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
बच्चों को स्कूल से लेकर आया था जीत
ग्रामीणों के मुताबिक, सुबह करीब सवा दस बजे मृतक जीत सिंह की पत्नी मीना ने कोऑपरेटिव बैंक इंडरी से 30 हजार रुपये निकले थे। जिसका मैसेज जीत सिंह के फोन पर आया। वह मैसेज देखते ही बैंक में पूछताछ के लिए पहुंच गया। जहां उसे बताया गया कि ये पैसा उसकी पत्नी मीना ने निकाला है। उसके बाद जीत सिंह ने अपने साले सहित कई जगह फोन किया।
उसने घर आकर देखा तो उसकी पत्नी भी घर पर नहीं थी। रोजका मेव औद्योगिक क्षेत्र की एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला मृतक जीत सिंह इसके बाद अपने घर आया और वहां से अपने बच्चों को गांव के ही सरकारी स्कूल से छुट्टी होने से पहले अपने घर लेकर आया। इतना ही नहीं करीब एक बजे बच्चे दुकान से खाने के लिए कुछ सामान लेकर भी अपने घर गए थे।
जीत सिंह का बड़ा बेटा खिलाड़ी पैरों से विकलांग था, लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से वह चलने फिरने लगा था और स्कूल भी जा रहा था। वहीं छोटे दोनों बच्चे पूरी तरह से ठीक थे। मृतक जीत सिंह अपने परिवार से अलग रहता था। वह तीन बच्चों और पत्नी के साथ दूसरे मोहल्ले में पिछले 12 साल से रह रहा था। मां-बाप जब तब उसके पास आते रहते थे।
जल्द ही पुलिस इस मामले में दूध का दूध पानी का पानी कर देगी। हर एंगल से पुलिस जांच कर रही है। इसमें जो भी दोषी होगा उसको किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। डीएसपी को मौके पर भेज कर हर एंगल से मामले को खंगालने के आदेश दिए हैं। जल्द ही इसका खुलासा हो जाएगा। - नरेंद्र बिजारनिया, पुलिस कप्तान
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