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'अनकल्चरड' कैफे एंड बार में द्वारका जिले के डीसीपी पर लगा एक महिला पर हमला करने का गंभीर आरोप
दिल्ली क्राइम न्यूज़: दक्षिण जिले के कैलाश कालोनी स्थित 'अनकल्चरड' कैफे एंड बार में बीती देर रात द्वारका जिले के डीसीपी शंकर चौधरी पर गंभीर आरोप लगे। डीसीपी पर आरोप है उन्होंने एक महिला के सिर पर गिलास मार दिया। महिला के सिर में तीन टांके लगे हैं। लेकिन पुलिस ने अभी तक डीसीपी के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं की है। वहीं घटना के बारे में पूछे जाने पर दक्षिण जिले की डीसीपी बेनिता मैरी जैकर कोई जवाब नही दिया। घायल महिला नोएडा निवासी डिजायनर बताई जाती है। इधर पत्रकारों द्वारा इस बारे में प्रश्न पूछने पर दक्षिण जिले की डीसीपी ने जिले के मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप को ही 'ओनली एडमिन कैन सेंड मैसेज' कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार बीती रात करीब तीन बजे महिला के पति ने पुलिस कंट्रोल रुम को फोन कर इस मामले की शिकायत की। महिला के पति ने पीसीआर को बताया कि द्वारका जिले के डीसीपी शंकर चौधरी ने शराब पीकर उनकी पत्नी के सिर पर गिलास मार दिया है डीसीपी किसी ओर से झगड़ा कर रहे थे, गिलास उनकी पत्नी को लग गया। वह पत्नी को साकेत स्थित मैक्स अस्पताल लेकर आये है। पीसीआर ने यह सूचना ग्रेटर कैलाश थाने के रोजनामचे (जनरल डायरी) में दर्ज कराई है। लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। सूत्रों के अनुसार, घटना बीती रात कैलाश कालोनी स्थित 'अनकल्चरड' कैफे एंड बार में हुई। रियल एस्टेट कारोबारी द्वारा आयोजित जन्मदिन की पार्टी में यह सब हुआ।
दिल्ली प्रवक्ता का बयान: ग्रेटर कैलाश में चार जून की तड़के एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई थी जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी रैंक के एक अधिकारी ने एक निजी क्लब में जन्मदिन की पार्टी में एक महिला के साथ मारपीट की है। इसके बाद पीड़िता का एक वीडियो क्लिप प्राप्त हुआ जिसमें उसने कहा कि वह अपने परिवार के साथ परिवार के एक सदस्य की जन्मदिन की पार्टी मना रही थी।
संबंधित अधिकारी भी अपने परिवार के साथ मौजूद थे। समारोह के दौरान एक गिलास महिला पर गिरा और वह घायल हो गई। इस पर महिला का पति भड़क गया, क्योंकि उस समय पार्टी में एक व्यक्ति गिलास से खेल रहा था। गलतफहमी के चलते डीसीपी का नाम चर्चा में आ गया। पारिवारिक मामला होने के कारण मामला सुलझ गया है। वहीं पुलिस प्रवक्ता का यह बयान बड़ा ही हैरान करने वाला है। इससे पुलिस की काबिलियत पर ही सवालिया निशान लग जाता है। इस घटना से महिलाओं के प्रति संवेदनशील होने के पुलिस के दावे की भी पोल खुल गई है। पुलिस प्रवक्ता का यह बयान वारदात की सूचना मिलने के 11 घंटे बाद आया है। अगर पुलिस प्रवक्ता के बयान को सही मान लिया जाए, तो सवाल उठता है कि पुलिस द्वारा महिला के पति के खिलाफ झूठी जानकारी देने के आरोप में धारा 182 के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई। महिला के पति के खिलाफ ऐसा न करने से इस बात को बल मिलता है कि डीसीपी को बचाने के लिए मामला रफा दफा किया गया है।
पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह: इस पूरे मामले में पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह लगा है। क्या पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंच कर पार्टी में मौजद सभी लोगों और बार के स्टाफ आदि के बयान दर्ज किए ? क्या बार में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई या फुटेज जब्त की गई ? सबसे अहम बात यह कि क्या पुलिस ने तुरंत डीसीपी की मेडिकल जांच कराई ? जिससे यह पता चलता कि डीसीपी नशे में था या नहीं। क्या वह गिलास जब्त किया गया, जिससे महिला घायल हुई ? उस गिलास पर उंगलियों के निशान की जांच से ही साफ हो सकता था कि डीसीपी ने मारा या किसी अन्य से वाकई गिलास गिरा। डीसीपी पार्टी में सरकारी कार में गया था या निजी कार में ?