दिल्ली-एनसीआर

देश का पहला मेडिकल ड्रोन कॉरिडोर साल के अंत तक हो जाएगा तैयार, मिनटों में तय होगी दिल्ली AIIMS से झज्जर की दूरी

Renuka Sahu
6 Jun 2022 5:16 AM GMT
The countrys first medical drone corridor will be ready by the end of the year, the distance of Jhajjar from Delhi AIIMS will be decided in minutes
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फाइल फोटो 

दिल्ली सहित पूरे देश को इस साल के अंत तक अपना पहला मानव रहित हवाई व्हीकल कॉरिडोर मिल जाएगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली सहित पूरे देश को इस साल के अंत तक अपना पहला मानव रहित हवाई व्हीकल (UAV) कॉरिडोर मिल जाएगा. ये मेडिकल ड्रोन कॉरिडोर दिल्ली के एम्स (Delhi AIMS) से हरियाणा के झज्जर के बीच बनाया जा रहा है. इस कॉरिडोर के बनने से बहुत ही कम समय में दूरी तय हो सकेगी. दिल्ली एम्स और झज्जर के बीच की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है. इस दूरी को सड़क के रास्ते तय करने में डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय लगता है, लेकिन इस ड्रोन कॉरिडोर (Drone Corridor) के बनने के बाद ये दूरी कुछ मिनटों में तय हो जाएगी. एम्स अधिकारियों का कहना है कि इस कॉरिडोर के लिए दिल्ली पुलिस से मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है. मंजूरी मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री द्वारा ड्रोन सुविधा शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि शुरुआत में ड्रोन का इस्तेमाल ब्लड सैंपल, रक्त उत्पादों और दवाओं के परिवहन के लिए किया जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि कुछ टेस्ट ऐसे हैं तो वर्तमान में झज्जर परिसर में उपलब्ध नहीं हैं. इस कॉरिडोर के बनने के बाद ड्रोन की मदद से नमूनों को परीक्षण के लिए दिल्ली परिसर में ले जाना आसान हो जाएगा. बता दें कि पिछले एक साल में ड्रोन का उपयोग भारत के दूरदराज के हिस्सों में COVID टीकों सहित चिकित्सा आपूर्ति भेजने के लिए किया गया था.
ड्रोन की मदद से होगा आसानी से काम
ड्रोन प्रमुख एरोडाइन इंडिया ग्रुप के एमडी अर्जुन अग्रवाल ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि,कई बार ऐसी स्थिति आई है कि जब भारतीय शहरों में स्थानीय पुलिस ने गंभीर रूप से बीमार रोगियों को शहर के अस्पतालों में ट्रांसप्लांट करने के लिए हवाई अड्डों से अंगों को लाने के लिए वाहनों के लिए ट्रैफिक कॉरिडोर बनाया है, लेकिन भारत के सभी प्रमुख शहरों में यातायात की स्थिति को देखते हुए ऐसा करना आसान नहीं है, लेकिन ड्रोन की मदद से पीक ऑवर ट्रैफिक होने के बाद भी बड़ी आसानी से काम हो जाया करेगा.
महाजन इमेजिंग के संस्थापक और मुख्य रेडियोलॉजिस्ट डॉ हर्ष महाजन ने कहा, ड्रोन के माध्यम से जीवन रक्षक चिकित्सा आपूर्ति में तेजी लाने के लिए एम्स की ये परियोजना उत्कृष्ट है. अगर यह परियोजना सफल होती है, तो विभिन्न राज्यों के अन्य चिकित्सा संस्थान प्रौद्योगिकी और उपकरणों का बेहतर उपयोग करने के लिए उसी मॉडल को दोहरा सकते हैं.
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