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देश की सबसे तेज ट्रैन रीजनल रैपिड रेल पहुंची गाजियाबाद, चंद मिनटों में दिल्ली से मेरठ का होगा सफर

Admin Delhi 1
13 Jun 2022 1:00 PM GMT
देश की सबसे तेज ट्रैन रीजनल रैपिड रेल पहुंची गाजियाबाद, चंद मिनटों में दिल्ली से मेरठ का होगा सफर
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एनसीआर न्यूज़: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड रेल (आरआरटीएस) कॉरिडोर के लिए पहली ट्रेन गाजियाबाद के दुहाई डिपो पहुंच गई है। बीते एक जून को ट्रेलर पर सवार होकर एक ट्रैन (6 डिब्बे) रविवार की देर शाम को दुहाई डिपो पहुंची। आज सोमवार को रैपिड रेल आपस में जोड़ी जाएगी। आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए दुहाई डिपो में ही प्रशासनिक भवन बनाया गया है। करीब 17 किमी लंबे प्रायोरिटी सेक्शन में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई आरआरटीएस स्टेशन और दुहाई डिपो हैं। अब अगस्त के पहले हफ्ते में रैपिड रेल का ट्रायल रन किया जाएगा, जो 3 चरणों में होगा।

क्या है खास: आरआरटीएस ट्रेनों के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल-बे लाइन (आईबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन बनाई जा रही हैं, जिनमें एक वर्कशॉप और एक आईबीएल लाइन का निर्माण अंतिम चरण में हैं, जबकि बाकी लाइनों का निर्माण पूरा हो चुका है। स्टेबलिंग लाइनों का प्रयोग ट्रेनों के खड़ा करने के लिए किया जाता है। वर्कशॉप लाइनों पर ट्रेनों के रख रखाव और तकनीकी खराबियों को ठीक किया जाता है।


ट्रेनों के लिए विद्युत आपूर्ति होगी शुरू: आईबीएल लाइनें ट्रेनों की टेस्टिंग के लिए बनाई जाती हैं और हेवी इंटरनल क्लीनिंग लाइन पर ट्रेनों के भीतर की सफाई की जाती है। दुहाई डिपो में ट्रेनों के लिए रूफ शेड लगाने, अंडरपास और बाउंड्री वॉल के निर्माण समेत अन्य कई कार्य तेजी से चल रहे हैं। इसके साथ ही ट्रेनों के लिए विद्युत आपूर्ति के लिए ओएचई लगाने का काम जल्द शुरू होने वाला है।

वायाडक्ट निर्माण ने पकड़ी रफ्तार: डिपो में ओएचई लगाने के लिए पोल और केंटीलिवर लगाए जा चुके हैं। जल्द ही पूरा डिपो ट्रेनों के संचालन के लिए तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही दुहाई आरआरटीएस स्टेशन को दुहाई डिपो से जोड़ने वाले वायाडक्ट का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। इस वायाडक्ट के पूरा होने के साथ ही ट्रेनों के लिए डिपो से बाहर निकलने के लिए लाइन तैयार हो जाएगी। वहीं प्रायोरिटी सेक्शन पर ट्रैक बिछाने और ओएचई लगाने का कार्य भी प्रगति पर है।


पूरी परियोजना में खर्च होंगे 30,274 करोड़ रुपए: एनसीआरटीसी कंपनी के एमडी विनय कुमार सिंह ने बताया कि देश की पहली रैपिड रेल बनकर तैयार हो गई है। इस रैपिड रेल में सवारियों के लिए बहुत ही शानदार बहुत बेहतर सुविधा होगी। यह रेल पूरी तरीके से मेक इन इंडिया पर आधारित है। देश की पहली रैपिड रेल का निर्माण गुजरात के शामली में स्थित एलस्टॉम कारखाने में हुआ है। इसकी नींव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को रखी थी। पूरी परियोजना में 30,274 करोड़ रुपए का खर्च आने की उम्मीद जताई जा रही है।

दिल्ली से मेरठ तक का सफर सिर्फ 50 मिनट में होगा तय: विनय कुमार ने बताया कि भारत की पहली रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर रूट पर दौड़ेगी। इस रैपिड के माध्यम से दिल्ली से मेरठ के बीच सिर्फ 50 मिनट में पहुंचा जा सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि रोजाना 8 लाख से अधिक यात्री इस रेल का फायदा ले सकते हैं। पहले चरण में गाजियाबाद के साहिबाबाद स्टेशन से दुराई डिपो तक रेपिड रेल दौड़ेगी। पहले चरण में 17 किलोमीटर में रेपिड रेल चलेगी। कंपनी की कोशिश है कि 2023 के अंतिम तक साहिबाबाद से दुराई डिपो तक रेपिड रेल चल जाए।


इन सुविधाओं से लैस रैपिड रेल: इस अत्याधुनिक रैपिड रेल में एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई 2x2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, खड़े होने के लिए चौड़े स्थान, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) और अन्य सुविधाएं होंगी। वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैंडर्ड के साथ महिला यात्रियों के लिए आरक्षित एक कोच और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) कोच होगा।

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