दिल्ली-एनसीआर

अस्पतालों में मिलें बेहतर सुविधाएं हों तो विकसित होगा देश

Admin4
17 Aug 2022 11:10 AM GMT
अस्पतालों में मिलें बेहतर सुविधाएं हों तो विकसित होगा देश
x

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

Kejriwal said : अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके लिए नए स्कूल और अस्पताल खोलने के साथ ही इनमें काम करने वाले कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर भर्ती करनी होगी। उन्होंने कहा, दिल्ली में हर व्यक्ति का मुफ्त इलाज हो सकता है, तो पूरे देश में भी संभव है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में सभी सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में दिल्ली की तरह बेहतर सुविधाएं मिले तो विकसित बनेगा। इसके लिए नए स्कूल और अस्पताल खोलने के साथ ही इनमें काम करने वाले कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर भर्ती करनी होगी। उन्होंने कहा, दिल्ली में हर व्यक्ति का मुफ्त इलाज हो सकता है, तो पूरे देश में भी संभव है।

एक बार अस्पताल बनाने और सारी मशीनें खरीदने के बाद दिल्ली में एक आदमी पर साल में औसतन दो हजार रुपये का खर्चा आता है। पूरे देश में 130 करोड़ लोग हैं, तो 2.5 लाख करोड़ रुपये में पूरे देश के लोगों का इलाज हो जाएगा। यह पांच साल में हो सकता है। हमने दिल्ली में किया, हमें करना आता है। केजरीवाल ने केंद्र सरकार से की अपील की है कि वह दिल्ली का मॉडल पूरे देश में लागू करे।

केजरीवाल ने कहा कि उनकी जिंदगी का एक ही सपना है कि वह भारत को दुनिया का नंबर वन देश देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अमीर तब बनेगा, जब हर भारतवासी अमीर बनेगा। ऐसा तो नहीं हो सकता है कि भारत अमीर देश बन गया और भारत के लोग गरीब रह गए। भारत को अमीर देश बनाने के लिए हर भारतवासी को अमीर बनाना पड़ेगा।

सरकारी स्कूलों में 17 करोड़ बच्चे

केजरीवाल ने कहा कि देश में करीब 17 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। इनमें से कुछ चंद स्कूलों को छोड़ दें, जो अच्छे हैं, तो देशभर में अधिकतर सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल है। इन 17 करोड़ बच्चों का भविष्य अंधकार में है। पैसे न होने से वह बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं और वहां बच्चों की पढ़ाई नहीं है, तो यह बच्चे भी बड़े होकर गरीब ही रह जाएंगे। सरकारी स्कूलों को दिल्ली के जैसे बहुत शानदार बनाने से यह समस्या हल हो सकती है। अगर हम सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अपने इन 17 करोड़ बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी शुरू कर दें, तो भारत को अमीर देश बना सकते हैं।

जानबूझ कर सरकारी स्कूल, अस्पताल और डिस्पेंसरी किए खराब

केजरीवाल ने कहा कि कई सरकारों ने निजी को बढ़ावा देने के लिए जानबूझ कर सरकारी स्कूलों व सरकारी अस्पतालों व डिस्पेंसरी का कबाड़ा किया है। कहते हैं कि पांच-पांच लाख रुपये का इंश्योरेंस है। इसके लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा। लेकिन अगर किसी को बुखार या कोई सामान्य बीमारी हो गई और वह अस्पताल में भर्ती नहीं है तो दवा कहां से लेगा। देश के कई इलाके ऐसे हैं, जहां अस्पताल नहीं हैं। ऐसे में इस इंश्योरेंस कार्ड लेकर क्या मतलब है। लोगों को इलाज चाहिए, इंश्योरेंस का कार्ड नहीं। कार्ड देकर वह अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। वह सरकारी अस्पताल ठीक नहीं करना चाहते।

Next Story