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कांस्टेबल ने कार में खुद को सरकारी पिस्टल से मारी थी गोली: आत्महत्या या हत्या, पुलिस जांच में जुटी

Admin Delhi 1
2 July 2022 1:51 PM GMT
कांस्टेबल ने कार में खुद को सरकारी पिस्टल से मारी थी गोली: आत्महत्या या हत्या, पुलिस जांच में जुटी
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दिल्ली न्यूज़: रोहिणी जिले के प्रशांत विहार थाने से चंद कदमों की दूरी पर कांस्टेबल ने कार में खुद को सरकारी पिस्टल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। जिसका चार दिन बाद पुलिस को पता चला। पुलिस मामले को पूरी तरह से खुदकुशी बता रही है। जबकि परिजनों को हत्या का शक है। पुलिस को मामले में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल सरकारी पिस्टल और कारतूस जब्त कर लिये है। रविवार को शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में कांस्टेबल के परिजनों से भी बातचीत कर खुदकुशी का कारण जानने की कोशिश की जा रही है। पुलिस कांस्टेबल के मोबाइल फोन को जब्त कर उसकी कॉल डिटेल भी खंगाल रही है।

डीसीपी प्रणव तयाल ने बताया कि मृतक कांस्टेबल की पहचान अमनदीप के रूप में हुई है। वह मूलरूप से पंजाब का रहने वाला था। शनिवार सुबह नौ बजे प्रशांत विहार पुलिस को एक पीसीआर कॉल मिली थी। जिसमें राहगीर ने बताया कि पेट्रोल पंप की चारदीवारी के किनारे खड़ी कार में शव पड़ा हुआ है। पुलिस अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। सफेद रंग की दिल्ली नंबर की सेंट्रो कार में ड्राइविंग सीट पर युवक का शव पड़ा हुआ था। जिसकी पहचान बाद में प्रशांत विहार थाने में तैनात कांस्टेबल अमनदीप के रूप में हुई। शव करीब तीन से चार दिन पुराना था। जिसको बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। पुलिस ने अमनदीप के परिवार को मामले की जानकारी दी। मौके पर से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। कांस्टेबल अमनदीप सीएल (छुट्टी) पर चल रहा था। फोटोग्राफर और फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ क्रॉइम टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य इक्ट्ठा किये। शव करीब तीन से चार दिन पुराना है।


अमनदीप के पिता रूप सिंह ने बताया कि वर्ष 2010 में अमनदीप दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था। कुछ ही दिन पहले अमनदीप सिंह हेड कांस्टेबल के लिये प्रमोट हुआ था। परिवार में माता पिता,दो शादीशुदा बहनें तरनजीत कौर और अनुदीप कौर पत्नी सुखदीप कौर,छह साल का बेटा अरशबीर सिंह और तीन साल की बेटी सहज कौर है। अमनदीप उनका इकलौता बेटा था। बीते 26 जून को अमनदीप के बेटे अरशबीर का जन्मदिन था। जिसमें परिवार और अमनदीप शामिल हुआ था। वह काफी खुश था। उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। उसने अपनी किसी परेशानी के बारे में कुछ नहीं बताया था।

28 जून से उसके फोन पर और दोस्तों से उसके बारे में पूछ रहे थे-पिता: रूप सिंह ने बताया कि अमनदीप जब 28 को वापिस घर नहीं आया था। उसके फोन पर कई बार फोन कर संपर्क करने की कोशिश की थी। पहले तो लगा था कि थाने के किसी काम से वह कहीं गया होगा। लेकिन सुबह भी नहीं आने पर उसके थाने के दोस्तों से संपर्क किया। उनको भी उसके बारे में कुछ नहीं पता चला था। पुलिस में उसके अचानक गायब होने की कोई लिखित रूप से जानकारी नहीं दी थी। वह बस उसको तलाश ही कर रहे थे।

खुदकुशी से ज्यादा हत्या का शक हो रहा है-पिता

रूप सिंह ने बताया कि पुलिस अमनदीप की मौत को खुदकुशी बता रही है। लेकिन उनको मौके पर खड़ी कार,टायर के ताजा निशान,ड्राइविंग सीट के पीछे लेफ्ट साइट में लगे शीशे पर गोली का निशान और कार पर पेड़ का एक भी पत्ता नहीं गिरने और धूल नहीं होने पर आदी कई चीजों को देखकर लग रहा है कि अमनदीप की हत्या होने का शक है। जिसके बारे में पुलिस को निष्पक्ष जांच करके सामने लाना चाहिए।

थाने से दस कदम पर चली गोली क्यों नहीं सुनाई दी-जीजा

अमनदीप के जीजा जयवीर सिंह ने बताया कि अमनदीप की कार और थाने के गेट पर बैठे कांस्टेबल की दूरी दस कदम की दूरी पर ही है। अमनदीप ने गोली खुद को मारी या फिर उसपर चलाई। जिसकी आवाज कांस्टेबल तक नहीं पहुंची। हैरान करता है। पुलिस को उस रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालना चाहिए,जिससे सच्चाई का पता चल पाए। जिस तरह से गोली शीशे पर लगी हुई है। उसको देखकर लगता है कि गोली शीशे पर सटाकर चलाई गई थी। क्योंकि शीशा अंदर की तरफ से चटका हुआ है।

27 जून की रात को बेटे से पिता ने की थी फोन पर बात: अमनदीप के जीजा जयवीर सिंह ने बताया कि 27 जून की रात को अमनदीप और उसके पिता की फोन पर बातचीत हुई थी। दोनों की परिवार को लेकर ही बातें हुई थी। ऐसा कोई मुद्दा नहीं था कि जिसपर बात हुई थी। ओर भी कुछ बातें दोनों के बीच हुई थी। फोन पर बात करने के बाद रूप सिंह के चेहरे और आवभाव देखकर ऐसा प्रतीत नहीं हुआ था कि दोनों में बातें करने के बाद कोई विवाद हुआ हो। न ही रूप सिंह ने उनको व घर में बैठे किसी सदस्य से को बताया था।

मालखाने से सुबह पांच बजे अमनदीप ने निकाली थी पिस्टल-पुलिस

पुलिस अधिकारियों की मानें तो 28 जून की सुबह पांच बजे अमनदीप ने मालखाने का दरवाजा चाबी से खोला था। अंदर से पिस्टल निकाली और मालखाने का ताला लगाकर थाने से बाहर चला गया था। पूरा मामला थाने के मैन गेट से मालखाने के बीच लगे कुछ सीसीटीवी कैमरों में कैद भी है। जिसकी फुटेज को कब्जे में लिया है। असल में अमनदीप को सभी पुलिस वाले जानते थे। उसकी इस हरकत को किसी ने ध्यान नहीं दिया था। वह कार में गया और सीधे हाथ से सरकारी पिस्टल कनपटी पर लगाकर गोली चला दी थी। गोली दूसरी तरफ से पार होकर पिछली सीट के लेफ्ट साइड के शीशे से निकलकर बाहर चली गई थी।

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