दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली नगर निगम की कमान आज से नौकरशाहों के हाथों में होगी, पर नीतिगत फैसले नहीं ले सकेंगे

Renuka Sahu
22 May 2022 1:45 AM GMT
The command of Delhi Municipal Corporation will be in the hands of bureaucrats from today, but will not be able to take policy decisions.
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फाइल फोटो 

एकीकृत दिल्ली नगर निगम की कमान रविवार से नौकरशाहों के हाथों में होगी। दिल्ली नगर निगम का चुनाव संपन्न होने के बाद इसके सदस्यों की पहली बैठक होने तक निगम का सारा कामकाज अधिकारी ही देखेंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एकीकृत दिल्ली नगर निगम की कमान रविवार से नौकरशाहों के हाथों में होगी। दिल्ली नगर निगम का चुनाव संपन्न होने के बाद इसके सदस्यों की पहली बैठक होने तक निगम का सारा कामकाज अधिकारी ही देखेंगे। इस दौरान दिल्ली नगर निगम की ओर से नागरिकों को दी जाने वाली सारी सेवाएं सुचारु रूप से चलती रहेंगी। नौकरशाहों की तरफ से केवल नीतिगत फैसले नहीं लिए जाएंगे।

दिल्ली नगर निगम शहर की साफ सफाई निरंतर करता रहेगा, निगम के स्कूल और अस्पताल सामान्य रूप से चलते रहेंगे। शहर में अतिक्रमण के खिलाफ नियमित रूप से कार्रवाई जारी रहेगी। संपत्तिकर जमा करने के कार्यालय पहले की तरह काम करते रहेंगे। निगम की ऑनलाइन और एप आधारित सेवाएं जारी रहेंगी। निगम से मिलने वाले सभी हेल्थ, फैक्टरी और ट्रेड लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
रविवार को ग्रहण करेंगे नए आयुक्त का पदभार, छुट्टी रद्द
अमूमन दिल्ली नगर निगम कार्यालय शनिवार और रविवार को बंद रहते हैं। लेकिन रविवार को एकीकृत दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती और विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार अपना पदभार ग्रहण करेंगे। इसके चलते सिविक सेंटर रविवार को खुला रहेगा और निगम के सभी कर्मचारी ड्यूटी पर होंगे।
सिविक सेंटर की नवीं मंजिल पर होगा आयुक्त कार्यालय
एकीकृत दिल्ली नगर निगम के नए आयुक्त ज्ञानेश भारती का कार्यालय श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविक सेंटर की नवीं मंजिल पर स्थित उनका पुराना कार्यालय ही होगा। सिविक सेंटर के ई-1 ब्लॉक में नवीं मंजिल पर उनका कार्यालय है। निगम अधिकारियों के मुताबिक आयुक्त अपना कार्यालय नहीं बदलेंगे। माना जा रहा है कि चौधी मंजिल पर रहा उत्तरी निगम आयुक्त का कार्यालय अब निगम के विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार का कार्यालय होगा।
सिविक सेंटर में बैठेगी पूरी निगम टीम
माना जा रहा है कि एकीकृत दिल्ली नगर निगम की पूरी टीम सिविक सेंटर में ही बैठेगी। निगम अधिकारियों क मुताबिक पटपड़गंज में अब तक स्थित पूर्वी निगम कार्यालय भी उठकर सिविक सेंटर में स्थानांतरित होगा। निगम के क्षेत्रीय कार्यालय यथा स्थिति में कार्य करते रहेंगे।
सीएम केजरीवाल और अश्वनी कुमार के नहीं रहे हैं अच्छे संबंध
दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार 1992 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वह दिल्ली सरकार में पीडब्ल्यूडी के प्रधान सचिव और विजिलेंस डायरेक्टर रह चुके हैं। 2017 में इन्हें पुडुचेरी का मुख्य सचिव बना दिया गया। बताया जाता है कि दिल्ली सरकार के साथ काम करने के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अश्वनी कुमार से अच्छे संबंध नहीं थे। 2016 में अश्वनी कुमार की नियुक्ति के दौरान सीएम केजरीवाल ने उनको लेकर असंतोष जताया था। आखिरकार, नालों के अंदर डी-सिल्टिंग कार्रवाई में देरी को लेकर सीएम ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी।
ज्ञानेश भारती के अनुभवों का मिल सकता है एकीकृत निगम को फायदा
एकीकृत दिल्ली नगर निगम को उसके नए आयुक्त ज्ञानेश भारती के अनुभवों का फायदा मिल सकता है। दक्षिणी दिल्ली की तर्ज पर पूरी दिल्ली में निगम की सेवाओं को पंख लग सकते हैं। खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद ज्ञानेश भारती के आयुक्त रहते दक्षिणी निगम ने बाकी दोनों निगमों की अपेक्षा बहुमंजिला पार्किंग के निर्माण, स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं बढ़ाने, सीसीटीवी लगाने, अस्पतालों में आईसीयू बिस्तरों की संख्या बढ़ाने व अन्य जरूरी सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में जोर दिया है।
ओखला लैंडफिल साइट पर कचरे को तेजी से घटाने और तेहखंड में आधुनिक इंजीनियर्ड लैंडफिल साइट के निर्माण कार्य को शुरू कराने में महत्वपूर्ण भमिका निभाई है। दक्षिणी निगम ने ऐसे प्रोजेक्ट पर काम किया, जिससे वेस्ट टु वेल्थ की सोच के साथ निगम की आय का श्रोत प्रसस्त हुआ है। वेस्ट टु वंडर पार्क की तर्ज पर पंजाबी बाग में बना भारत दर्शन पार्क इसका जीता जागता उदाहरण है।
ज्ञानेश भारती ने दक्षिणी दिल्ली में अधिकतर कार्य पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माध्यम से कराया। उनके इस अनुभव का लाभ दिल्ली नगर निगम को मिल पाएगा। इससे पूर्वी और उत्तरी दिल्ली में खासकर निगम के स्कूलों और अस्पतालों में जरूरी ढांचागत संरचना को बढ़ाने में मदद मिलेगी। ज्ञानेश भारती के नेतृत्व में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने लगातार हर साल सर्वाधिक संपत्तिकर एकत्र किया था। अब उनके नेतृत्व में ऐसी ही सूझ बूझ से दिल्ली नगर निगम अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकता है।
बच्चों के लिए निगम ने सर्वाधिक 921 चिल्ड्रेन पार्क दक्षिणी दिल्ली में बनाए हैं। ग्रेटर कैलाश और ईश्वर नगर कॉलोनी में नंदन वन पार्क खास हैं। ऐसे पार्कों की जरूरत पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली को भी है। निगम के पार्कों में 1220 ओपन जिम लगाए गए हैं। दक्षिणी दिल्ली में निगम के 292 भवनों पर रूफ टॉप सोलर पैनल लगाए गए हैं। इससे निगम को अपने अपने जरूरत भर के लिए काफी बिजली मिल रही है।
कोरोना महामारी काल में ज्ञानेश भारती के नेतृत्व में तिलक नगर स्थित माता गुजरी अस्पताल में 100 ऑक्सीजन बेड की स्थापना की गई। माता गुरजी अस्पताल और पूर्णिमा सेठी अस्पताल में अभी भी 40-40 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं। माता गुजरी अस्पताल में आईसीयू, चाइल्ड केयर यूनिट, एनआईसीयू और पीआईसीयू की स्थापना कराई।
यह सारे काम पीपीपी मोड में ही उन्होंने कराए, जिसका फायदा दक्षिणी दिल्ली के करीब 72 लाख नागरिकों को मिल रहा है। अब दिल्ली नगर निगम के जरिए दिल्ली के करीब सवा दो करोड़ नागरिकों को भी इन सेवाओं का लाभ मिल सकता है।
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